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Vidyajali Program इस तरह लाएगा स्कूली शिक्षा में परिवर्तन

Vidyajali Program इस तरह  लाएगा स्कूली शिक्षा में परिवर्तन
सभी उच्च शैक्षणिक संस्थान और उनसे जुड़े कॉलेज व इंस्टीट्यूशन स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रों एवं कर्मियों को जानकारी देंगे ‘विद्यांजलि कार्यक्रम’ की जानकारी देंगे।

Haryana News Post : सभी उच्च शैक्षणिक संस्थान और उनसे जुड़े कॉलेज व इंस्टीट्यूशन स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रों एवं कर्मियों को जानकारी देंगे ‘विद्यांजलि कार्यक्रम’ की जानकारी देंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इन संस्थानों को जानकारी देने के निर्देश दिए हैं,

ताकि छात्र व कर्मचारी इस अभियान से जुड़ सकें। गौरतलब है कि इससे पहले, केंद्रीय स्कूल शिक्षा सचिव ने सभी सरकारी सचिवों को लेटर लिखकर देशभर के सरकारी स्कूलों के लिए बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) द्वारा योगदान को बढ़ावा करने में मदद मांगी थी।

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12 अक्टूबर को देश : पीके ठाकुर

यूजीसी के सचिव पीके ठाकुर ने बताया कि इसी सप्ताह 12 अक्टूबर को देश की सभी यूनिवर्सिटीज के अलावा कॉलेजों व संस्थाओं को एक लेटर लिखकर उनसे छात्रों व कर्मियों को कार्यक्रम की जानकारी देने को कहा गया है। बता दें कि  शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने गत वर्ष ‘विद्यांजलि’ आॅनलाइन पोर्टल शुरू किया था।  

जानिए क्या है विद्यांजलि कार्यक्रम

यूजीसी सूत्रों के अनुसार विद्यांजलि एक अनोखा ‘स्कूल स्वयंसेवा प्रबंधन प्रोग्राम है जो समुदायों के साथ ही अन्य संगठनों को देश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों  में स्कूलों से जुड़ने का मौका प्रदान करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप विद्यांजलि की संकल्पना की गई है। देश में शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन लाने के लिए वालंटियर व कम्यूनिटी भागीदारी को बढ़ावा देती है। स्कूलों में शिक्षा की क्वालिटी को बेहतर बनाना इसका मकसद है। इसी के साथ प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से सरकार व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाना भी इसका उद्देश्य है।

कोई भी वालंटियर इस तरह दे सकेंगे सेवा

विद्यांजलि पोर्टल के जरिय कोई भी वालंटियर असेट्स, इक्विपमेंट, सर्विस, असेट्स व कंटेंट आदि प्रदान कर सकता है। इसके अंतर्गत सर्विस सेक्शन में वालंटियर विषयों में सहायता कर सकते हैं। व्यवसायिक कौशल, तकनीकी कला एवं शिल्प,  भाषा, योग एवं खेल, मध्याह्न भोजन में पोषण सहायता में योगदान और विशेष जरूरत वाले बच्चों को शिक्षा सहायता में वे मदद कर सकते हैं।

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इसके अलावा कोई भी वालंटियर विद्यांजलि अभियान के तहत स्पेशल टीचर्स, ट्रेंड एडवाइजर्स, सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों में हिस्सेदारी व डॉक्टरों के मेडिकल कैंप आदि को प्रायोजित कर सकते हैं। इसके अलावा उपकरण व सामान आदि के रूप में भी वे योगदान दे सकते हैं.

पिछले साल पीएम मोदी ने की थी शुरूआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल शिक्षा मंत्रालय की विद्यांजलि पहल का अनावरण किया था। सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना इसका मकसद है। 23 अगस्त, 2022 के आंकड़ों के मुताबिक अब तक विद्यांजलि के 3.38 लाख स्कूल प्लेटफॉर्म पर जुड़े हुए हैं। इसमें 50 हजार से अधिक वालंटियर हैं। अभियान से करीब 49,486 छात्रों को मदद मिली है।


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