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New Traffic Rules: 1 अक्‍टूबर से सख्‍त हो रही दिल्‍ली पुलिस, PUC सर्टिफिकेट न होने पर देना होगा 10 हजार जुर्माना

New Traffic Rules: 1 अक्‍टूबर से सख्‍त हो रही दिल्‍ली पुलिस, PUC सर्टिफिकेट न होने पर देना होगा 10 हजार जुर्माना
Delhi Traffic Rules: दिल्‍ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने की तैयारी है। इसके लिए गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) कड़े कदम उठाने जा रहा है। 01 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू हो जाएगा। आइए जानते हैं इसके तहत उल्लंघन करने पर कितना जुर्माना देना होगा।

Delhi News: नई दिल्‍ली। दिल्‍ली की आबो हवा अब ज्‍यादा प्रदूषित हो चुकी है। बढ़ते प्रदूषण को सुधारने के लिए  गुणवत्‍ता प्रबंधन आयोग (CAQM) एक्‍शन प्‍लान बना रहा है। यह प्‍लान 01 अक्‍टूबर से लागू होगा। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत उल्‍लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।

दिल्ली में बढ़ रहे वाहनों के कारण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इस पर नकेल कसने के लिए  ट्रैफिक पुलिस की मदद ली जाएगी। इसके तहत अब कई पाबंदियां लगने जा रही हैं। अब दिल्‍ली में वाहन चलते वक्‍त आपको पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल ( PUC  ) सर्टिफिकेट होना अनिवार्य होगा। 

अगर कोई भी वाहन चालक दिल्‍ली में एक वर्ष से पुराने वाहन को चलाते हुए पकड़ा जाता है और उसके पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल का सर्टिफिकेट नहीं हुआ तो उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार यह प्रमाण पत्र हर वाहन चालकों के पास होना अनिवार्य होगा। 

क्‍या है पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट 

यह एक प्रकार का प्रमाण पत्र होता है। यह सभी वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है चाहे वह दो पहिया हो या चार पहिया वाहन। PUC के तहत यह जांच की जाती है कि वाहन से कितना प्रदूषण हो रहा है। इसी के आधार पर यह प्रमाण पत्र दिया जाता है।

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नए वाहनों की मिली छूट

नए वाहन से प्रदूषण कम होता है। ऐसे में PUC के लिए नए वाहनों को छूट दी जाती है। लेकिन एक वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। इस प्रमाण पत्र में यह लिखा होता है कि जो भी वाहन है उससे प्रदूषण का स्‍तर नियंत्रण में है। यह प्रमाण पत्र अधिकृत प्रदूषण परीक्षण केंद्रों से ही लेना चाहिए। कई बार हम जल्दबाजी में अनऑथराइज्ड सेंटर से सर्टिफिकेट बनवा लेते हैं जो वैलिड नहीं होते हैं। ऐसे में जुर्माना भुगतना ही अंतिम विकल्प होता है।

कैसे मिलता है पीयूसी सर्टिफिकेट

यह सर्टिफिकेट किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त केंद्र से प्राप्‍त किया जा सकता है। इसके लिए ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों तरीके मान्‍य होते हैं। ऑफलाइन प्रोसेस में आपको अपना वाहन मान्‍यता प्राप्‍त केंद्र पर ले जाना होता है और वहां पर कर्मचारी तकनीक के जरिए आपके वाहन के प्रदूषण की जांच करता है। इसके लिए कर्मचारी वाहन की टेल पाइप में प्रोब लगाकर प्रदूषण की जांच करता है। इस दौरान आपको अपना वाहन चालू रखना होता है ताकि उसके धुएं से प्रदूषण के स्‍तर की जानकारी प्राप्‍त हो सके। जांच के बाद उपभोक्‍ता को प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया जाता है।

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ऑनलाइन प्रोसेस के लिए यहां करें एप्‍लाई

प्रदूषण की जांच के लिए आप ऑनलाइन भी एप्‍लाई कर सकते हैं। इसके लिए आपको मान्‍यत प्राप्‍त वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर जाना होगा। इसके बाद आपको ट्रांसपोर्ट सेक्‍शन पर जाना होगा। इसमें आपको वाहन का चेसि‍स नंबर डालना होगा, जो पांच अंकों का होता है। इसके बाद आप वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर पीयूसी विवरण चुनें और इसका प्रिंट आउट निकान लें।

क्‍या-क्‍या दस्‍तावेज होने जरूरी हैं

वाहन चलाते वक्‍त आपके पास पीयूसी के अलावा और भी अन्‍य दस्‍तावेज होने चाहिए। आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र व वाहन बीमा पॉलिसी होनी जरूरी है। ट्रैफिक पुलिस अगर आपसे पीयूसी प्रमाण पत्र मांगती है और आप नहीं दिखा पाते हैं तो इस पर एक हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है। दूसरी बार पकड़े जाने पर दो हजार तक का जुर्माना हो सकता है।

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