National Voters Day History : क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस, जानें इतिहास और रोचक तथ्य
नई दिल्ली। National Voters Day 2024 : राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है इस उत्सव के पीछे मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से नए मतदाताओं के लिए नामांकन को प्रोत्साहित करना, सुविधा प्रदान करना और देश में आज भी ऐसे कई लोग हैं जिनका वोटर आईडी कार्ड नहीं बना है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास
ऐसे में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर भारत का निर्वाचन आयोग कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है।यह दिन भारत के चुनाव आयोग की स्थापना, यानी 25 जनवरी 1950 को चिह्नित करने के लिए 2011 से पूरे देश में मनाया जाता है।
इसमें कोई शक नहीं कि यह मतदान के अधिकार और भारत के लोकतंत्र का जश्न मनाने का दिन है। चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेषकर योग्य मतदाताओं का नामांकन बढ़ाना है। आपको बता दें कि पहले मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया।
वोट देने की आयु
1998 के इकसठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता की पात्रता आयु कम कर दी। भारत एक लोकतांत्रिक देश है प्रत्येक नागरिक को वोट देने का मूल अधिकार है। उन्हें अपने नेता को चुनने का अधिकार है जिसे वे सोचते हैं कि वह देश का नेतृत्व करने, आम लोगों की समस्याओं को हल करने, परिवर्तन लाने आदि में सक्षम है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत की एक महत्वपूर्ण जड़ है क्योंकि इसमें देश का भविष्य निहित है। उस नेता में जिसे हम चुनते हैं। एक बार सोचिए कि अगर हम आगे आकर सही नेता नहीं चुनेंगे तो देश की प्रगति और विकास में बाधा आएगी और इसका असर देश की जनता पर भी पड़ेगा।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस
साल 1947 में भारत आजाद हुआ था। इसके तीन साल बाद 26 जनवरी के दिन भारत का संविधान लागू हुआ। संविधान लागू होने से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी, 1950 को भारत के चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। इसी वजह से हर साल 25 जनवरी के दिन भारत का राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस निर्वाचकीय प्रक्रिया में सहभागिता के प्रति उनकी भावनाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करता है। इसका लोगो निर्वाचकीय प्रक्रिया के उत्साह और समावेशिता को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इसकी पृष्ठभूमि में प्रदर्शित अशोक चक्र, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतीक है, जबकि स्याही लगी उंगली, देश के प्रत्येक मतदाता की भागीदारी को प्रदर्शित करती है। इस लोगो में टिक का चिह्न मतदाता द्वारा लिए गए संसूचित निर्णय का प्रतीक है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का हर वर्ष आयोजन सभी भारत के नागरिकों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन लोगों को यह भी बताता है कि हर व्यक्ति के लिए मतदान करना जरूरी है। भारत के प्रत्येक नागरिक का मतदान प्रक्रिया में भागीदारी जरूरी है, क्योंकि आम आदमी का एक वोट ही सरकारें बदल देता है।
क्या है इसका लक्ष्य
हम सबका एक वोट ही पलभर में एक अच्छा प्रतिनिधि भी चुन सकता है और एक बेकार प्रतिनिधि भी चुन सकता है इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए और ऐसी सरकारें या प्रतिनिधि चुनने के लिए करना चाहिए, जो कि देश को विकास और तरक्की के पथ पर ले जा सकें।
भारत देश की 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है इसलिए देश के प्रत्येक चुनाव में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करनी चाहिए और ऐसी सरकारें चुननी चाहिए, जो कि सांप्रदायिकता और जातिवाद से ऊपर उठकर देश के विकास के बारे में सोचें।
जिस दिन देश का युवा जाग जाएगा, उस दिन देश से जातिवाद, ऊंच-नीच, सांप्रदायिक भेदभाव खत्म हो जाएगा। ये सिर्फ और सिर्फ हो सकता है हम सबके मतदान करने से। 25 जनवरी को भारत के प्रत्येक नागरिक को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए शपथ लेनी चाहिए कि वे देश की स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की लोकतांत्रिक परंपरा को बरकरार रखेंगे और प्रत्येक चुनाव में धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय, भाषा आधार पर प्रभावित हुए बिना निर्भीक होकर मतदान करेंगे। ऐसी शपथें हर वर्ष 25 जनवरी को लाखों लोग लेते हैं।
लेकिन फिर भी इस शपथ पर अमल बहुत कम होता है, क्योंकि आज भी लोग सांप्रदायिक, जातिवाद और भाषायी आधार पर वोट देते हैं। इससे अनेक अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी देश की संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधि चुनकर चले जाते हैं। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को सांप्रदायिक और जातीय आधार से ऊपर उठकर एक साफ-सुथरी छवि के व्यक्ति के लिए अपने मत का प्रयोग करना चाहिए।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य
'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' का उद्देश्य लोगों की मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ मतदाताओं को एक अच्छा साफ-सुथरी छवि का प्रतिनिधि चुनने हेतु मतदान के लिए जागरूक करना है। हमारे लोकतंत्र को विश्व में इतना मजबूत बनाने के लिए मतदाताओं के साथ-साथ भारत देश के निर्वाचन आयोग का भी अहम् योगदान है। हमारे निर्वाचन आयोग की वजह से ही देश में निष्पक्ष चुनाव हो पाते हैं।
मतदान एक महत्वपूर्ण नागरिक कर्तव्य है जो हमारे देश के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। मतदान राजनेताओं को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह बनाए रखने में मदद करता है और हमारे लोकतंत्र के लिए रूपरेखा तैयार करता है। मतदान यह भी सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक अधिकारियों को उन लोगों से कर राशि का भुगतान किया जाता है जो उन्हें भुगतान करने में सक्षम हैं।
सभी में से सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह है कि कर कैसे खर्च किया जाए - मतदान यह सुनिश्चित करता है कि हमारी सरकार के बजट में जो भी जाता है उसके लिए जवाबदेही है। आखिरी चीज जो हम चाहते हैं वह यह है कि राजनेता जनता के वोट के प्रति जवाबदेह हुए बिना सार्वजनिक धन खर्च करने में सक्षम हों।
आज 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के दिन देश के प्रत्येक मतदाता को अपनी सक्रिय भागीदारी के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने का संकल्प लेना चाहिए। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि देश का भविष्य उन पर निर्भर करता है जिन्हें हम चुनते हैं।
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