Pani Gila Kyon Hota Hai : जानिए, क्यों होता है पानी गीला? जानें इसका वैज्ञानिक जवाब

Haryana News Post : Why is water wet : अकसर हम सबके मन में एक सवाल आता है कि आखिर पानी गीला क्यों होता है. हम आपको बताएंगे की what is water made of, properties of water, viral news, पानी का फार्मूला, पानी गीला क्यों होता है, पानी के कितने नाम होते हैं, UPSC Interview Tricky Questions, IAS Interview Tricky Questions, IPS Interview Tricky Questions, Tricky Questions ताकि आप अपना ज्ञान बढ़ा सकें। और हमें ये भी पता होता है कि कुछ चीज हमारे पास ऐसी होती हैं जिनके पीछे साइंस होती है। जिनका हमें पता नहीं होता है तो चलिए आज हम आपके इस सवाल का जवाब आपको देने आएं हैं कि आखिर पानी गीला क्यों (Paani Geela Kyun Hota Hai) होता है. आपको बता दें कि ये सवाल एक सरकारी नौकरी के इंटरव्यू में पूछा गया था कि पानी गीला क्यों होता है. जानने के लिए बने रहें हमारी खबर के साथ।
क्यों होता है पानी गीला?
Paani Geela Kyun Hota Hai : पानी हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन से मिलकर एक परमाणु का निर्माण करता है.आपको बता दें कि पानी में जो ऑक्सीजन पाई जाती है उसमें नमी होने के कारण पानी हमें गीला लगता है और इसके पीछे एक साइंस होती है जो बहुत से लोगों को पता नहीं होती है.
ये है पानी से जुड़े तथ्य
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि धरती पर 326 मिलियन ट्रिलियन गैलन पानी है और इस पूरे में से 97 प्रतिशत पानी समुद्र में नाया जाता है जिसका प्रयोग हम नहीं कर सकते हैं क्योंकि वो पानी नमकीन होता है और 2 प्रतिशत पानी ग्लेशियर्स के आइस कैप्स के रूप में धरती पर है.
हालांकि, इस पानी का भी उपयोग इंसान नहीं कर सकता है. इससे पता चलात है कि हम सिर्फ 1 प्रतिशत ही पानी का प्रयोग कर रहे हैं और कर सकते हैं। यानी जब हमारे शरीर में 1 प्रतिशत भी पानी की कमी होती है तो हमें प्यास लगती है।
धरती पर कितना है पीने का पानी?
ध्यान रखने वाली बात ये है कि कुल पानी सिर्फ 1 फीसदी पृथ्वी पर ऐसा है जिसका इस्तेमाल पीने के पानी के तौर पर किया जा सकता है. इसीलिए बार-बार कहा जाता है पानी को बहुत सावधानीपूर्वक खर्च करना चाहिए क्योंकि यह सीमित मात्रा में ही धरती पर मौजूद है.
पानी से जुड़े अन्य रोचक तथ्य ये हैं कि इंसान के शरीर में जब 1 प्रतिशत पानी की कमी होती है तो उसे प्यास लगने लगती है. विकासशील देशों में दो तिहाई से ज्यादा बीमारियां पानी से जुड़ी होती हैं.
जल अणु संरचना
इसके लिए ये नकारात्मक चार्ज हैं जो पानी के अणुओं को कई अन्य पदार्थों के साथ इलेक्ट्रोस्टैटिक बांड बनाने की अनुमति देते हैं। इस प्रकार, जब किसी सतह में अणुओं के समान विशेषताएँ होती हैं, तो दोनों परस्पर क्रिया करते हैं और सतह गीली हो जाती है - जैसा कि पानी के कपास या कागज के टुकड़े के संपर्क में आने पर होता है, उदाहरण के लिए।
पानी के गीला होने का कारण
पानीके द्रव्य स्थिति में होने के कारण उसमें मौजूद हाइड्रोजन व ऑक्सीजन परमाणुओं से बने अणु, यानी जो मॉलिक्यूल होते हैं, वह बहुत ज्यादा ताकत से जुड़े नहीं होते हैं तथा उनके बीच की दूरी भी ज्यादा होती है इस वजह से यह कहीं भी गिरने पर बहुत ही आसानी से फैल जाते हैं।
किसी भी सामान में डालने पर उस सामान का ही आकार ले लेते हैं। जैसे अगर आप जल/पानी को शीशी में डालोगे तो वह उस शीशी का ही आकार ले लेता है।
इसके अलावा अगर यह कहीं और गिरता है तो यह उस सामान में मौजूद परमाणु और अणु से संबंध बनाकर भी चिपक जाते हैं और फैलने लगते हैं जैसे अगर पानी आपकी पेंट पर गिर गया है तो आपकी पेंट को वह पूरी तरीके से भिगो देता है और उसी में चिपक जाता है ऐसा नहीं है कि पेंट झाड़ते ही सारा पानी एकदम से गायब हो जाता है।
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