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Business Ideas: किसान अश्वगंधा की करें खेती, ज्यादा से ज्यादा कमाएं मुनाफा, जानिए कैसे?

Business Ideas: किसान अश्वगंधा की करें खेती, ज्यादा से ज्यादा कमाएं मुनाफा, जानिए कैसे?

Business News : पहली विधि को कतार विधि कहते हैं। इसम विधि में पौधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटीमीटर होती है। दूसरी विधि को छिड़काव विधि कहते हैं इससे अश्वगंधा की पैदावार ज्यादा होती है। इस विधि में हल्की जुताई कर खेत में बीज का छिड़काव किया जाता है और 1 मीटर में लगभग 40 पौधे लगाए जाते हैं।

Haryana News Post : Bussiness News : देश में ज्यादातर किसान धान, गेहूं, सरसों, चना जैसी फसलों का उत्पादन करते हैं। इसमें उन्हें मेहनत ज्यादा और मुनाफा कम मिलता है। लेकिन अब  भारतीय किसान अश्वगंधा की खेती का ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

यह औषधीय गुणों से भरपूर एक ऐसी फसल है जिसकी मांग बाजार में पूरे साल रहती है। यहां तक कि अगर आप इसे बड़े पैमाने पर लगाएं तो विदेशों में भी इसे एक्सपोर्ट कर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। बता दें अश्वगंधा की खेती करके अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। तो चलिए जानेंगे कैसे की जाती है अश्वगंधा की खेती और इसके फायदे क्या हैं।

कैसे करें अश्वगंधा की खेती?

अगर आप अश्वगंधा की खेती करना चाहते हैं तो आप इसे साल में दो बार कर सकते हैं। पहली बार फरवरी-मार्च के दौरान इसकी खेती की जाती है और दूसरी बात अगस्त-सितंबर में इसकी खेती होती है। यह फसल लगभग 5 माह में तैयार हो जाती है। इसकी खेती से पहले खेत में भरपूर मात्रा में गोबर की खाद जरूर डालें। इससे पौधे में न्यूट्रिशन की कमी नहीं होगी और अश्वगंधा की जड़ें मोटी बैठेंगे।

ध्यान रहे अश्वगंधा की जड़ें जितनी मोटी होंगी। आपको बाजार में उसके दाम उतने ही अच्छे मिलेंगे। अश्वगंधा की खेती में एक अच्छी बात यह भी है कि इसमें जल्दी कोई रोग नहीं लगता है। अगर आपके यहां आवारा पशु या जंगली जानवरों की दिक्कत है तो भी आप निश्चिंत रहें। क्योंकि वह अश्वगंधा के पौधों को नहीं खाते।

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खेती के लिए कैसी मिट्टी चाहिए?

अश्वगंधा की खेती करने के लिए बलुई, दोमट और लाल मिट्टी सबसे ज्यादा उपयोगी मानी जाती है। वहीं अगर मिट्टी का पीएच मान 7 से 8 के बीच हो तो अश्वगंधा की पैदावार और अच्छी हो सकती है। अश्वगंधा की खेती के लिए 25 से 30 डिग्री के तापमान और 500 से 750 मिलीमीटर बारिश की जरूरत होती है। अश्वगंधा की खेती में एक हेक्टेयर में 10 से 12 किलो बीज लगते हैं। वहीं इसकी दो प्रकार से बुवाई की जाती है।

पहली विधि को कतार विधि कहते हैं। इसम विधि में पौधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटीमीटर होती है। दूसरी विधि को छिड़काव विधि कहते हैं इससे अश्वगंधा की पैदावार ज्यादा होती है। इस विधि में हल्की जुताई कर खेत में बीज का छिड़काव किया जाता है और 1 मीटर में लगभग 40 पौधे लगाए जाते हैं।

कब करें कटाई?

अश्वगंधा की फसल बुवाई के 160-180 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। आप इन्हें काटकर इनके जड़ों, पत्तियों और छाल को अलग कर बाजार में बेचकर मालामाल हो सकते हैं।

कितना खर्चा, कितनी कमाई?

अगर आप एक हेक्टेयर में अश्वगंधा की खेती करते हैं तो आपको करीब 40 से 50 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। एक हेक्टेयर में आप आसानी से 800 से 1000 किलो तक अश्वगंधा हासिल कर लेंगे। मतलब 1 हेक्टेयर से आप करीब डेढ़ लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। इसमें अगर आप 50 हजार की लागत घटा दें। तो आपको लगभग 1 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा होगा। वहीं यह खेती साल में दो बार की जा सकती है।

इस तरह आप साल भर में आसानी से 1 हेक्टेयर में अश्वगंधा की खेती से 2 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं। एक हेक्टेयर में करीब 50 किलो बीज निकलेंगे जो लगभग 130 से 150 रुपये प्रति किलो में बिक जायेंगे। वहीं इसके झाड़ को बेच कर आप कुछ मुनाफा कमा सकते हैं। यानी देखा जाए तो अश्वगंधा की खेती से किसान 3 से 4 गुना मुनाफा कमा सकता है।

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कितने रुपये में बिकता है अश्वगंधा? 

अश्वगंधा की खेती को कैश क्रॉप कहा जाता है। क्योंकि इससे किसानों को तगड़ा मुनाफा होता है। इसकी जड़ें अलग-अलग क्वालिटी के हिसाब से अलग-अलग दाम में बिकती हैं। मोटी जड़ के ज्यादा दाम मिलते हैं, जबकि पतली जड़ के कम। अश्वगंधा की जड़ों के दाम 150 रुपए से 200 रुपये प्रति किलो के बीच हो सकते हैं। इसके झाड़ से भूसा बनाया जाता है। ऐसे में वह भी बाजार में बिकता है। अश्वगंधा का झाड़ 15 से 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है।

अश्वगंधा के फायदे क्या हैं? 

अश्वगंधा एक औषधीय गुण वाला पौधा होता है जो हमारी इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है। तमाम कंपनियां इसका इस्तेमाल च्यवनप्रास बनाने में करती हैं। अश्वगंधा के सेवन से तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है। इसका एक फायदा यह भी है कि इससे नर्वस सिस्टम मजबूत होता है।

यही वजह है कि इसका लकवा और रीढ़ की हड्डी में दिक्कत होने जैसी बीमारियों में किया जाता है। इसका इस्तेमाल करके कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं। यही वजह है कि सरकार भी अश्वगंधा की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करती है। यहां तक कि यौन रोगों और मदार्ना ताकत को बढ़ाने में अश्वगंधा का खूब इस्तेमाल किया जाता है।

दवाओं को बनाने में किया जाता है उपयोग?

अश्वगंधा को एक देशी औषधीय पौधा माना जाता है। इसका भारतीय चिकित्सा पद्धितियों में भी काफी उपयोग है। इसकी जड़ों का उपयोग आयुर्वेद और यूनानी दवाओं को भी बनाने में किया जाता है।

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