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Business Ideas: जानिए यूकेलिप्टस की खेती से कितनी होगी कमाई?

Business Ideas: जानिए यूकेलिप्टस की खेती से कितनी होगी कमाई?
Business Tips : इसे वनस्पति विज्ञान में नीलगिरी भी कहा जाता है। यह पौधा इतनी तेजी बढ़ता है कि पांच साल में किसानों को मालामाल कर सकता है। इसकी कई प्रजाति के पौधों की लंबाई 322 फुट तक हो जाती है।

Haryana News Post : Eucalyptus farming tips in Hindi: आजकल जागरूक किसान परंपरागत खेती छोड़ कर आधुनिक कृषि के तौर-तरीके अपना रहे हैं। वैज्ञानिक ढंग और मार्केट वेल्यू के हिसाब से खेती करने से आपकी कमाई कई गुना अधिक बढ़ जाएगी। भारत में यूकेलिप्टस यानि सफेदा की खेती अनेक किसान देखते-देखते संपन्न बन गए।

इसे वनस्पति विज्ञान में नीलगिरी भी कहा जाता है। यह पौधा इतनी तेजी बढ़ता है कि पांच साल में किसानों को मालामाल कर सकता है। इसकी कई प्रजाति के पौधों की लंबाई 322 फुट तक हो जाती है। इन्ही में एक है यूकेलिप्ट है। इन पेड़ों की खेती में ज्यादा मेहनत की जरूरत भी नहीं है और कमाई ज्यादा है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
 


कैसे करें जमीन का चयन?

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अगर आपको सफेदा की खेती करनी है तो सबसे पहले जमीन का चयन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए जल निकासी वाली भूमि की आवश्यकता होती है। यह जमीन ऐसी हो जहां पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी पहुंचती हो, हवा का आवागमन सही तरीके से रहे और जल का स्थायी ठहराव नहीं हो। तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए। दोमट किस्म की मिट्टी अधिक उपजाऊ रहती है। सफेदा को दो तरह से उगा सकते हैं। बीजों से और कलम लगा कर। कलम वाली विधि ज्यादा अच्छी रहती है। इसकी खेती का समय जून से अक्टूबर तक रहता है।



विशेषज्ञों मुताबिक एक हेक्टेयर क्षेत्र में यूकेलिप्टस के 3000 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। इस पौधे की नर्सरी से बहुत ही आसानी से 7 या 8 रुपये में ही मिल जाते हैं। इस अनुमान से इसकी खेती में 21 हजार से 30 हजार रुपये का ही खर्च आता है। ऐसे में 21 हजार रुपये लगाकर लाखों को मुनाफा हासिल होता है तो किसान के लिए फायदे का सौदा है।



सफेदे की नर्सरी कैसे करें तैयार?



सफेदे की पौधशाला तैयार करना भी आपके लिए कमाई का अच्छा जरिया बन  सकता है। इसके लिए इसकी बेहतरीन किस्म के बीजों को पॉलिथीन में लगाया जाता है। इसमें गोबर की खाद मिट्टी में मिला कर रखें और इसमें बीज दबा दें। पौधे अंकुरित होने पर इन्हे जमीन में लगा दें। करीब 6 महीने के पौधों को अटैचमेंट के लिए तैयार हो जाते हैं। वैसे सफेदे की खेती के लिए यदि पौधे रोपने हों तो एक साल पुराना पौधा ज्यादा लाभदायक होता है। नीलगिरी की अच्छी किस्मों में नीलगिरी ओब्लिव्का, डेली गेटेंसिस, डायवर्सीकलर, नीलगिरी निटेंस, नीलगिरी ग्लोब्युल्स आदि प्रमुख हैं।

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कितना मुनाफा होगा?



सफेदा की लकड़ियों का इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, फर्नीचर और पार्टिकल बोर्ड इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है। 5 साल में भी ये पेड़ कटाई के लिए तैयार हो जाता है। हालांकि, अगर इसकी कटाई 8 से 10 सालों में की जाए तो इससे मुनाफा अच्छा मिलता है। एक पेड़ से लगभग 400 किलो लकड़ी प्राप्त होती है। बाजार में यूकलिप्टस की लकड़ी 6-7 रुपये प्रति एक किलो के भाव बिकती है। ऐसे में अगर हम एक हेक्टेयर में तीन हजार पेड़ लगाते हैं तो आसानी से 72 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।


 


सफेदे के मुख्य प्रोडक्टस?



नीलगिरी या सफेदे से कई कीमती उत्पाद मिलते हैं। इससे इमारती लकड़ी के अलावा क्रेंक से एक प्रॉम्प्ट उडने वाला तेल, यूकेलिप्ट आॅयल, गोंद आदि मिलता है। बाजार में इनकी खासी डिमांड रहती है।

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