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Kitchen Gardening Tips: जानिए किचन वेस्ट से हम कैसे उगा सकते हैं ऑर्गेनिक सब्जियां

Kitchen Gardening Tips: जानिए किचन वेस्ट से हम कैसे उगा सकते हैं ऑर्गेनिक सब्जियां
Compost making by kitchen waste: रोजाना हमारी रसोई से कितना कचरा निकलता है। इसे हम यू ही फेंक देते हैं। जबकि हम इसका सही तरीके से इस्‍तेमाल करके इससे खाद बना सकते हैं। किचन वेस्‍ट से हम काला सोना यानी खाद तैयार कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे आप किचन वेस्‍ट से घर में ही ऑर्गेनिक खाद तैयार कर सकते हैं। इसका प्रोसेस भी बहुत आसान है।

नई दिल्‍ली। Kitchen Gardening: हर घर में रोज किचन का कचरा होता है और हर व्यक्ति उसे कूड़े में डाल देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किचन का कचरा वेस्ट (Kitchen Waste) तो है, लेकिन इसे इस्तेमाल किया जाए तो यह बहुत काम की  चीज है। शायद बहुत कम लोग जानते होंगे।  किचन वेस्ट से हम कंपोस्ट खाद बना सकते हैं और इससे हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। दरअसल, किचन वेस्ट (Compost making by kitchen waste) पौधों के लिए कई न्यूट्रिशन का सोर्स होता, इसलिए किसान इसे ‘किसान काला’ (Black Gold) भी कहते हैं। किचन का कचरा पूरी तरह ऑर्गेनिक होता है, मतलब साफ कि इससे यूज से पैदा की गई सब्जियां ऑर्गेनिक होती हैं।  

सलाद, सब्जी, फल, प्याज व आलू के छिलके से बनती है कंपोस्ट

घर में जो हर रोज सलाद, सब्जी व फल वगैरह काटे जाते हैं, उससे काफी मात्रा में वेस्ट निकलता है। इसके अलावा प्याज-आलू के छिलके, धनिए का बचा हुआ ढंठल, सलाद व फलों के छिलके जैसी कई चीजें किचन के वेस्ट के रूप में निकल जाती हैं। यदि आप भी घर में ही कंपोस्ट खाद बनाना चाहते हैं इसके दो तरीके हैं।

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कंपोस्टिंग बिन में भरना होता है किचन वेस्ट

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सबसे पहले आप बाजार से कंपोस्टिंग बिन खरीदें। यह बिन बाल्टी की तरह होता है। इसके अंदर बॉटम में पानी जमा होने की जगह होती है। कंपोस्टिंग  बिन में ऊपर की ओर आपको बस किचन वेस्ट भर देना होता है। आपको बोकाशी पाउडर की भी खाद बनाने के लिए जरूरत होगी। यह पाउडर बाजार में अथवा ऑनलाइन भी मिल जाएगा। प्रतिदिन अपने किचन का कचरा इस कंपोस्टिंग बिन में डालते रहना है और उस पर एक से दो चम्मच बोकाशी पाउडर छिड़क देना है। जब कंपोस्टिंग बिन फुल हो जाए तो उसे 15-20 दिन तक बंद करके छोड़ दें। इस अवधि में आपके किचन वेस्ट की  पिकलिंग हो जाएगी। 15-20 दिन बाद खोलने पर आप देखेंगे कि बिन में ऊपर सफेद रंग की फंगस लग गई है। अगर ऐसा हो तो अच्छा है। फंगस लगने का मतलब है कि आपके किचन वेस्ट की पिकलिंग हो गई है। आपको किचन वेस्ट से अचार की तेज गंध आएगी। अब इस वेस्ट को एक बड़े गमले अथवा दूसरे कोकोपीट के साथ मिलाना होगा। लगभग एक इंच कोकोपीट की परत और फिर आधा इंच किचन वेस्ट की परत। ऐसे करते-करते सारा किचन वेस्ट कोकोपीट के साथ मिला दें।

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बिन के अंदर हवा व ऑक्सीजन जाना जरूरी

इसके बाद बाद आपको वेस्ट को रोज दो से तीन दिन तक एक बार किसी खुरपी या डंडे आदि से चलाना होगा, ताकि उसमें ऊपर-नीचे हवा पास होती रहे। दरअसल बेक्टीरिया को कचरे को खाद में बदलने के लिए हवा व आॅक्सीजन की जरूरत होती है। ऐसे में डिब्बे को किसी ऐसी चीज से ढक दें ताकि उसमें आसानी से हवा अंदर जा सके। हां, ध्यान यह रखना होगा कि डिब्बे में मक्खियां न प्रवेश करें। अगर मक्खियां चली गर्इं तो कंपोस्ट में कीड़े तैयार हो सकते हैं। 15 से 20 दिन में आपका सारा किचन वेस्ट कोकोपीट के साथ मिलकर गायब हो जाएगा और पौधों में डालने के लिए सिर्फ कंपोस्ट तैयार हो जाएगी।

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बिन व बोकाशी पाउडर के बिना इस तरह करें तैयार कंपोस्ट

बोकाशी पाउडर और कंपोस्ट बिन के बिना भी कंपोस्ट मनाई जा सकती है। केवल कोकोपीट व कचरे को कई लेयर में मिलाकर आप ये काम कर सकते हैं। इस आइडिया में पिकलिंग वाला स्टेप करने की जरूरत नहीं होगी। मुख्य तौर पर यहां ध्यान यह रखना है कि कि पिकलिंग वाले तरीके में जहां 30-40 दिन में कंपोस्ट बनती है, वहीं इसमें 80-100 दिन इंतजार करना पड़ सकता है। यदि आप कोकोपीट पर भी पैसा नहीं खर्च करना चाहें तो उसकी जगह रेतीली या भुरभुरी मिट्टी यूज कर सकते हैं। इसके अलावा कागज, सूखे पत्ते, कागज व गत्ते का भी यूज किया जा सकता है।

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वेस्ट को कंपोस्ट बनाने मददगार होते हैं कीड़े

कंपोस्ट बनाते समय अक्सर उसमें कुछ कीड़े दिख जाते हैं, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। ये कीड़े किचन वेस्ट को कंपोस्ट बनाने में बहुत मददगार होते हैं। कंपोस्ट के डिब्बे को खुला नहीं छोड़ना होता है। किसी मच्छरदानी या जालीनुमा किसी चीज से इसे ढक दें। ऐसा न करने पर उसमें मक्खियां चली जाएंगी और वे डिब्बे में ही अंडे दे देंगी, जिससे कंपोस्ट के अंदर कई सारे कीड़े पैदा हो सकते हैं। यदि आपको कंपोस्ट से बदबू आने लगे तो समझो कि सूखी चीज जैसे सूखी पत्तियां, कोकोपीट, मिट्टी व कागज और गत्ते की कमी हो रही है। सूखी चीज की मात्रा बढ़ा दें ताकि बदबू न आए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कंपोस्ट बनाने में अगर थोड़ा समय लगता है तो सब्र रखें। धीरे-धीरे आपका किचन वेस्ट कंपोस्ट में बदल जाएगा। इस बात का ध्यान रहे कि कंपोस्ट में नींबू, ब्रेड, पका हुआ खाना, मिर्च, दही आदि न डालें। इससे कपोस्टिंग की प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो जाती है।  

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ये हैं कंपोस्ट के फायदे, हमेशा रहेंगे फिट भी  

किचन वेस्ट से कंपोस्ट बनाने से इस तरह कई लाभ हैं। एक तो आपका कचरा फेंका नहीं जाएगा। दूसरा घर में ही आपको  ऑर्गेनिक खाद मिल जाएगी। इसे आप अपने घर में ही रखे गमलों में लगाए गए मिर्च व टमाटर आदि के पौधों में डालें। इससे आपको आर्गेनिक सब्जियां खाने को मिलेंगी। मतलब आपका स्वास्थ्य भी अच्छी बनी रहेगा। आज के समय में बाजार से अगर आप ऑर्गेनिक सब्जियां खरीदेंगे तो उसके लिए आपको  बहुत ज्यादा कीमत चुकानी होगी। 

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