AI Technology for Sugarcane: गन्ने की खेती के लिए कारगर साबित होगी AI तकनीक, किसानों भाइयों की बढ़ेगी आमदनी
कुरक्षेत्र। Sugarcane Cultivation in Haryana: कृषि क्षेत्र में AI तकनीक के आने से किसानों का कार्यों काफी आसान बन सकता है। उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों में करीब 500 लाख टन से कहीं अधिक गन्ने की पेराई की जाती है, जबकि प्रदेश के लगभग 120 चीनी मिलों के द्वारा किया जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में पहली बार गन्ने की खेती की पैदावार अच्छे से हो सके इसके लिए गन्ने की खेती में AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. ताकि किसानों को गन्ने की खेती से अच्छा मोटा लाभ प्राप्त हो सके।
हरियाणा में भी होगी लाभकारी
देश के किसानों की मदद के लिए सरकार के द्वारा कई तरह के कार्यों को किया जा रहा है. देखा जाए इस आधुनिक समय में खेती-किसानी/Farming में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी की AI का भी इस्तेमाल हो रहा है।
फिलहाल भारत के उत्तर प्रदेश राज्यों में गन्ने की खेती में AI का प्रयोग किया जा रहा है।
PM Kisan AI Chatbot क्या है
हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा देश के किसानों की मदद के लिए PM Kisan AI Chatbot को लॉन्च किया था. यह एआई चैटबॉट प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का एक हिस्सा है. इसका मकसद पीएम-किसान योजना को अधिक प्रभावी बनाना और किसानों के सवालों का तेज, स्पष्ट और सटीक जवाब देना है।
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वर्तमान में पीएम किसान एआई चैटबॉट पांच भाषाओं में किसानों के सवालों का उत्तर देने की क्षमता रखता है. इनमें हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, उड़िया और तमिल भाषा शामिल है. वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इसका विस्तार किया जाएगा और यह चैटबॉट देश की अन्य भाषाओं में भी उत्तर दे पाएगा।
गन्ने की खेती में AI का प्रयोग
AI तकनीक के माध्यम से किसानों को गन्ने में लगने वाले कीट के हमलों से पहले ही अवगत करा दिया जाता है. इस तकनीक की मदद से किसानों को उनकी फसल के स्वास्थ्य से जुड़ी समय पर ही सभी जानकारी उपलब्ध हो जाती है।
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बताया जा रहा है कि इस तकनीक का खेती में इस्तेमाल करने से किसानों को अपनी फसल के बारे में हर एक जानकारी पहले से ही उपलब्ध हो जाएगी।
किसान होंगे जागरूक
किसानों को इस बात की भी जानकारी होगी कि उनकी फसल में किस समय कौन सा रोग लगने वाला है. इसके अलावा फसल के अच्छे विकास के लिए जल सिंचाई, मिट्टी के नमूने की जांच और साथ ही फसलों की रोपाई समेत कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी सरलता से उपलब्ध होगी।
किसानों को इस तकनीक से यह भी पता चलेगा की किसान को किस समय खेत में कितनी मात्रा में खाद व उवर्रकों को डालना है।
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