Haryana News: हरियाणा में एक साल में सवा 3 लाख से ज्यादा मतदाता लिस्ट में जुड़े
Haryana: प्रदेश में गुरुग्राम का बादशाहपुर हलका वोटर की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा तो नारनौल सबसे छोटा हलका बना। प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों में वोटर्स की संख्या बढ़ी।
चंडीगढ़। Haryana News: देश की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। अनुमानित दौर पर हम आबादी के मामले में पड़ोसी मुल्क चीन को पीछे छोड़ देंगे। हरियाणा में भी जनसंख्या त्वरित गति से बढ़ रही है।
इसी कड़ी में सामने आया है कि पिछले एक साल में हरियाणा में वोटर्स की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा हर साल वोटर्स की लिस्ट को 1 जनवरी को अपडेट किया जाता है और फिर कुछ दिन बाद इस लिस्ट को प्रकाशित भी किया जाता है।
भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) द्वारा प्रदेश के सभी 22 ज़िलों में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं के ताजा आंकड़ों को को इस वर्ष 1 जनवरी 2023 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया गया है और फिर 5 जनवरी 2023 को प्रकाशित किया गया है।
फाइनल मतदाता सूचियों के अनुसार हरियाणा में अब कुल 19658234 मतदाता हैं। गत वर्ष जनवरी, 2022 में यह संख्या 19331458 मतदाता थी। इस लिहाज से हरियाणा में एक साल की अवधि में सवा तीन लाख से ज्यादा वोटर्स बढ़ गए हैं।
वोटर की संख्या के लिहाज से बादशाहपुर सबसे बड़ा तो नारनौल सबसे छोटा हलका
प्रदेश के सभी विधानसभा हलको में वोटर्स की संख्या में खासा अंतर है। हरियाणा के सभी 90 विधानसभा हलकों में से गुडगाँव जिले का बादशाहपुर विधानसभा सभा हलका मतदाताओं की संख्या की दृष्टि से प्रदेश में सबसे बड़ा हलका है।
जिसमे वर्तमान में मतदाताओ की संख्या 429363 है। जबकि इस आधार पर महेंद्रगढ़ जिले का नारनौल विधानसभा हल्का प्रदेश में सबसे छोटा है जहाँ बादशाहपुर के आधे से भी कम अर्थात 155 59 मतदाता हैं।
गत एक वर्ष में हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से 87 सीटों पर मतदाताओ की संख्या बढ़ी है जिनमें से सर्वाधिक वृद्धि बादशाहपुर में साढ़े 11 हजार हुई हैं हालांकि प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं जहाँ पिछले एक वर्ष दौरान मतदाताओं की संख्या में कमी आई है।
इसमें सबसे ऊपर अम्बाला शहर विधानसभा हलका है, जहाँ गत एक वर्ष में 3 हजार 797 मतदाता घट गये हैं जबकि दूसरे स्थान पर सोनीपत जिले का बरोदा हलका है। जहाँ इस दौरान 1 हजार 791 मतदाता कम हुए हैं। जबकि तीसरा हलका पलवल जिले का होडल (आरक्षित) है।
जहां 1 हजार 177 मतदाता कम हुए हैं। ऐसा बहुत कम ही देखने के मिलता है कि एक वर्ष में किसी विधानसभा/लोकसभा हलके में मतदाताओं की संख्या में इतनी कमी आए विशेष तौर पर जब किसी हलके में कोई ताज़ा परिसीमन (सीमाओं का पुनर्निर्धारण) भी न हो हुआ हो।
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सबसे ज्यादा वोटर्स फरीदाबाद, चरखी दादरी व पंचकूला में
प्रदेश के 22 जिलों में सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद में 16 53198 जबकि सबसे कम चरखी दादरी जिले में 408020 हैं। पंचकूला जिले में यह संख्या 413251, अम्बाला जिले में 900466, यमुनानगर जिले में 882781 हैं, कुरुक्षेत्र में 761595 ,कैथल में 817800 है, करनाल में 116913, पानीपत में 895 595 हैं, सोनीपत में 1162305 हैं, जींद में 108508, फतेहाबाद में 708838, सिरसा हलके में यह 989 687, हिसार में 13 लाख 19 हज़ार 168, भिवानी में 861658, रोहतक में 834711, झज्जर में 807397, महेंद्रगढ़ में 734701, रेवाड़ी में 717759, गुरुग्राम में 1305282, नूहं में 624767 और पलवल में 68 534 है।
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जानिए किस जिले में कितने विधानसभा क्षेत्र
अगर विधानसभा सीटों के लिहाज से बात करें इस मामले में प्रदेश का हिसार जिला सबसे आगे हैं। वर्तमान 22 ज़िलों में सबसे अधिक विधानसभा क्षेत्र हिसार ज़िले में सात हैं। फरीदाबाद और सोनीपत में यह छः-छः हैं, करनाल, जींद और सिरसा में पांच पांच, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, भिवानी, रोहतक, झज्जर, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम में चार -चार, फतेहाबाद, मेवात, रेवाड़ी और पलवल में तीन- तीन एवं पंचकूला और चरखी दादरी में दो-दो विधानसभा हलके हैं।
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निर्वाचन विधि संशोधन कानून अगस्त 2022 में लागू किया गया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता व विषय के जानकार हेमंत कुमार ने भारतीय चुनाव आयोग से आधिकारिक आंकड़े प्राप्त कर उनका अध्ययन और विश्लेषण कर बताया कि दिसम्बर, 2021 में देश की संसद द्वारा निर्वाचन विधि (संशोधन) कानून, 2021 पारित किया गया था जिसे 29 दिसंबर, 2021 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
हालांकि उक्त कानून को गत वर्ष 1 अगस्त, 2022 से लागू किया गया। इसके द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में अन्य संशोधनों के साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि हर वर्ष केवल 1 जनवरी को ही नहीं बल्कि 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को भी 18 वर्ष की आयु पूरे करने वाले स्थानीय निवासियों का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूचियों में शामिल किया जा सकता है।
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