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Pakistani Agency ISI की जासूस से फेसबुक पर महंगी पड़ी दोस्ती, हुई जेल

Pakistani Agency ISI की जासूस से फेसबुक पर महंगी पड़ी दोस्ती, हुई जेल
Honey Trap Case: राजस्थान के रवि प्रकाश को पाकिस्तान की खफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की जासूस युवती से दोस्ती महंगी पड़ी है। आईएसआई की इस एजेंट के हनी ट्रैप में फंसकर करौली जिले के सपोटारा का रवि प्रकाश मीणा जेल जा चुका है। दिल्ली के सेना भवन में काम करने वाले क्लास फोर कर्मचारी 31 वर्षीय रवि प्रकश पर सेना की गोपनीय, रणनीतिक  व संवेदनशील  जानकारियां युवती के साथ साझा करने का आरोप है और इस मामले में वह इसी महीने के पहले सप्ताह में पकड़ में आया था।

नई दिल्ली। Social Media Honey Trap Case: सेना की अधिकारी बनकर की दोस्ती (Honey Trap): रवि प्रकाश फेसबुक पर जिस खूबसूरत युवती को दिल लगा बैठा था उसने खुद को पश्चिम बंगाल में तैनात भारतीय सेना की अधिकारी अंजलि तिवारी बताकर उसके साथ दोस्ती की थी। रवि को अब तक  विश्वास ही नहीं हो पा रहा है कि अंजलि ने उसे धोखा दिया है और वह पाकिस्तान की एजेंट थी। अंजलि से एफबी पर बातें करके उसके जाल में वह ऐसा फंसा कि उसके प्यार में रवि पागल हो गया था। मामले की जांच करने वाले एक अधिकारी के अनुसार संदिग्ध गतिविधियों के चलते रवि प्रकाश एजेंसियों के रडार पर आ गया था। इसके बाद उसे आठ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया।

पिछले पांच साल में ऐसे मामलों में 35 लोग गिरफ्तार

अधिकारी ने बताया कि रवि प्रकाश को युवती इस्तेमाल करती रही और वह दिवानों की तरह उसकी सारी बातें स्वीकारता रहा। Social Media Honey Trap: युवती ने उससे कई अहम जानकारियां ले ली। बता दें कि 2017 के बाद से अब तक हनी ट्रैप के मामलों रवि प्रकाश समेत 35वां लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।

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राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (खुफिया) उमेश मिश्रा ने रवि के अरेस्ट होने के बाद कहा था कि मीणा महिला के साथ सेना से जुड़ी कई  रणनीतिक व गोपनीय जानकारियां साझा कर रहा था। उन्होंने बताया था कि महिला एजेंट ने रवि को अपने में फंसाया और फिर पैसे का लालच देकर सामरिक महत्व के वर्गीकृत कागजात भी मांगे थे। आरोपी ने ये दस्तावेज सोशल मीडिया के जरिये से अंजलि को उपलब्ध भी करवा दिए थे। बदले में उसके बैंक खाते में पैसे डाल दिए गए थे।

जानिए किस साल कितनी गिरफ्तारियां

राजस्थान पुलिस द्वारा मुहैया करवाए गए आंकड़ों के मुताबिक हनी ट्रैप जैसे इन मामलों में 2017 के बाद से गिरफ्तार किए गए आम नागरिकों व सुरक्षा कर्मियों समेत 35 लोगों में से 2017 में छह, 2019 में पांच, 2020 में पांच, 2021 में आठ और इस साल अब तक 10 लोगों अरेस्ट किए जा चुके हैं। डीजीपी मिश्रा के अनुसार पहले मामलों में लोग पैसे के बदले गोपनीय व रणनीतिक जानकारी प्रदान करते थे, पर अब लोगों को फंसाए जाने के मामले आ रहे हैं।

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भावनात्मक रूप से लोगों को ब्लैकमेल करके पैसों के बदले उनसे जानकारी हासिल की जा रही है। गिरफ्तार 35 लोगों के खिलाफ 2017 से अब तक 26 केस दर्ज जा चुके हैं। इनमें 25 आम नागरिक व 10 सुरक्षाकर्मी हैं। हनीट्रैप व फिर पैसे देकर संवेदनशील जानकारी लेने का चलन 2019 से शुरू हुआ था। ये पाकिस्तानी एजेंट का पसंदीदा तरीका बन गया है।

इस साल की शुरुआत में भी एक मामला सामने आया था

इस साल की शुरुआत में, जोधपुर में सेना की एक इकाई में तैनात उत्तराखंड निवासी प्रदीप कुमार (24) को रिया नाम की एक महिला पाक एजेंट ने हनीट्रैप के जाल में फंसाया था। इस मामले से जुड़े एक अन्य खुफिया अधिकारी ने बताया कि प्रदीप को मई गिरफ्तार हुआ था और महिला जासून ने बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में तैनात एक लेफ्टिनेंट कर्नल बताया था।

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अधिकारी का कहना है कि प्रदीप रिया नाम की युवती से शादी करना चाहता था। उसने वीडियो कॉल से प्रदीप को अपने परिवार से भी मिलाया था। युवती ने प्रदीप की बहन से बात की थी। महिला जासूस प्रदीप को अपने काम व रोज की रूटीन का सब बताती थी। इसी के साथ वह अपने सहकर्मियों संग लड़ाई और बहस आदि की चर्चा भी प्रदीप से करती थी। गौरतलब है रजस्थान के भीलवाड़ा से नारायण लाल गाडरी (27) और जयपुर के कुलदीप सिंह शेखावत (24) को इसी साल जुलाई में इसी तरह के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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