1. Home
  2. haryana

Haryana Pollution: जहरीली हुई करनाल की हवा, एक्यूआई 343 पर पहुंचा?

Haryana Pollution: जहरीली हुई करनाल की हवा, एक्यूआई 343 पर पहुंचा?
Haryana Pollution: हरियाणा के कई जिलों में फसल अवशेष जलाने के मामले अभी रूक नहीं रहे हैं। फसल अवशेषों को जलाने से वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। बता दें करनाल में पिछले एक सप्ताह से वातावरण में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया।

Haryana Pollution: हरियाणा के कई जिलों में फसल अवशेष जलाने के मामले अभी रूक नहीं रहे हैं। फसल अवशेषों को जलाने से वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। बता दें करनाल में पिछले एक सप्ताह से वातावरण में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया।

बुधवार को करनाल का एक्यूआई 300 पार रहा, जबकि देर रात करीब साढ़े 10 बजे 343 तक पहुंच गया। यह प्रदूषण बच्चों से लेकर बुजुर्गों और दमा रोगियों तक के लिए परेशानी का सबब बना है। तो चलिए जानते हैं किस हद तक प्रदूषण खतरनाक है।

ये भी पढ़ें: बीसीसीआई ने लिया बड़ा फैसला, पुरुष और महिला क्रिकेटरों दोनों को मिलेगा समान वेतन

क्यों बनती है स्मॉग?

वैसे तो वातावरण में हर समय धूल व धुएं के कण मौजूद रहते हैं। मगर कुछ गतिविधियों से वातावरण में इनकी मात्रा बढ़ जाती है। अगर वातावरण में नमी की मात्रा ज्यादा है और तापमान कम है तो उस स्थिति में धूल व धुएं के कण नमी के साथ मिलकर बड़े आकार के और भारी हो जाते हैं। ये वातावरण से बाहर नहीं जा पाते। फिर यह स्मॉग (धुएं की चादर) के रूप में नजर आते हैं।

ये भी पढ़ें: एशिया कप के लिए पाकिस्तान का दौरा बीसीसीआई का फैसला नहीं, सरकार पर निर्भर करता है निर्णय: रोजर बिन्नी

प्रदूषण स्तर बढ़ने का कारण क्या? 

वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी सलेन्द्र कुमार ने बताया कि इस प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कई कारण है। मुख्य कारण तो यह है कि पजांब में अभी भी पराली जलाई जा रही है। उस पर कंट्रोल नहीं है। दूसरा हरियाणा में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। करनाल में बुधवार को पराली जलाने के दो मामले सामने आए हैं।

एक और मुख्य कारण यह है कि इस समय मौसम में बदलाव हो रहा है। हवा न चलने के कारण जो आसमान के धुल के कण थे वो साफ नहीं हो पाए जो अब जमीन पर आ रहे हें। हवा चलने के बाद ये कण उड़ जाएंगे और मौसम साफ हो जाएगा।

ये भी पढ़ें: क्या Diabetes मरीजों के लिए खतरनाक है डेंगू, जानिए कैसे करें बचाव

आतिशबाजी का धुंआ अभी भी बरकरार?

करनाल की सड़कों पर दिवाली त्योहार के दौरान मौसम में आई नमी के साथ वातावरण में आतिशबाजी के धुएं से घुला जहर अभी भी बरकरार है। वहीं शहर में कई जगह कूड़े के ढेरों में आग लगाई जा रही है, जिसके कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। एक्यूआई बढ़ने से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों पर प्रदूषण का दुष्प्रभाव ज्यादा घातक हो रहा है।

ये भी पढ़ें: नए पब्लिशर के साथ भारत में जल्द वापसी कर सकती है BGMI

वायू प्रदूषण से हरियाणा की हालात चिंताजनक?

बीते बुधवार को दिल्ली का वायू प्रदूषण का स्तर 223 था, जबकि करनाल का प्रदूषण स्तर 343 माइक्रोग्राम रहा। यानि दिल्ली से 120 माइक्रोग्राम ज्यादा प्रदूषण करनाल का है। वहीं कुरुक्षेत्र अंबाला और यमुनानगर की हालात और भी चिंताजनक बनी है। अंबाला का प्रदूषण का स्तर 484, कुरुक्षेत्र 447 और यमुनानगर का 387 पर पहुंच गया है। यानि अब दिल्ली की आबोहवा हरियाणा से अच्छी है।

ये भी पढ़ें: पहले विदेशी ऑक्शन के लिए तैयार आईपीएल, इस्तांबुल में हो सकता है आईपीएल 2023 का मिनी-ऑक्शन


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आपHaryanaNewsPostकेGoogle Newsपेज औरTwitterपेज से जुड़ें और फॉलो करें।
whtsapp-img
News Hub