Kisan News: कभी करते थे औषधियों की खेती, मल्टीपपर्ज मशीन तैयार कर आज विदेशों में बनाई पहचान
यमुनानगर। दामला के प्रगतिशील किसान धर्मवीर ने वर्ष-2006 में उन्होंने पहली मशीन बनाई थी। पहली मशीन का उपयोग उन्होंने स्वयं किया। उसके बाद डिमांड बढ़ती चली गई। नाइजीरिया, युगांडा, कीनिया, जींबाबे, यूएसए, इथोपिया, नेपाल, बांग्लादेश में का उपयोग कर तरह-तरह के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा सब्जियों को सुखाने के लिए ट्रे ड्रायर मशीन व स्टोरेज टैंक भी तैयार किए जा रहे हैं। बता दें कि यह किसान मात्र 10वीं पास है। इन उपलब्धियों के आधार पर राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुके हैं।
ये उपलब्धियां की हासिल
कृषि जगत में उत्कृष्ट कार्य करने पर वर्ष-2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, 2010 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पंवार ने फार्मर साइंटिस्ट का अवार्ड दिया। वर्ष-2013 में फूड प्रोसेसिंग मशीन मनाने पर फस्र्ट नेशनल अवार्ड वर्ष-2014 में एक जुलाई से 30 जुलाई तक राष्ट्रपति के मेहमान बनकर रहे।
मल्टी पपर्ज मशीन बनाने पर वर्ष-2015 में जिंबाबे के राष्ट्रपति रॉर्बट मुगांबे ने उनको सम्मानित किया। बता दें कि किसान धर्मवीर छठी कक्षा में थे जब इलेक्ट्रिक हीटर व बोरिंग करने की मश्ीन का मॉडल तैयार कर दिया था। आठवीं कक्षा एमरजेंसी लाइट बनाई।
मां से मिली प्रेरणा
धर्मवीर ने बताया कि मां सावित्री देवी से उनको जड़ी बूटियों की खेती करने की प्रेरणा मिली। वे खेत के कुछ हिस्से में जड़ी बूटियां उगाती थी। उन्होंने बताया कि वर्ष-1996 में उन्होंने जड़ी बूटियों की खेती शुरू की थी। एलोवेरा और अन्य प्रकार की जड़ी बूटियों की खेती व इनसे निर्मित दर्जनों उत्पादों ने इस संघर्षशील किसान को फर्स से अर्स पर ला खड़ा कर दिया है।
धर्मवीर ने अपनी मेहनत के बल पर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में ख्याति प्राप्त कर ली है। अलग-अलग जड़ी बूटियों की खेती करने बाद धर्मवीर अब तुलसी की खेती भी कर रहे हैं।
स्वयं तैयार करते हैं उत्पाद
एलोवेरा से एलोवेरा जूस, एलोवेरा जैल व शैंपू तैयार करने के लिए उन्होंने गांव में मशीन स्थापित की हुई है। मल्टीपपर्ज मशीन बनाने का आइडिया भी जनाब का स्वयं का ही होता है। इंजीनियरों के सहयोग से वह इन मशीनों का बनाता है। स्वयं उत्पाद तैयार करने के लिए तो वह इन मशीनों का प्रयोग करता ही है साथ ही मशीनें इन मशीनों पर विदेशी भी कायल है।
मोबाइल सिंचाई मशीन भी बनाई
किसान धर्मवीर ने मोबाइल सिंचाई मशीन बनाई। किसान द्वारा निर्मित इस मशीन की राष्ट्रपति ने सरहाना की। मशीन को राष्ट्रपति भवन दिल्ली में प्रदर्शित किया। यहां राष्ट्रपति ने परिवार के साथ मशीनों की कार्यप्रणाली को देखा। मशीनों की सरहाना की। मशीनों का नामकरण भी किया।
उनके द्वारा बनाई गई हाथ से खींचने वाले सिंचाई सिस्टम तथा ट्रैक्टर से चलाई जाने वाली सिंचाई सिस्टम की प्रशंसा करते हुए इसका नामकरण रेन टैंकर दिया। सिंचाई सिस्टम में 6 हजार लीटर पानी की क्षमता वाला टैंकर लगाया गया है। इसे टै्रक्टर की सहायता से खींच कर खेतों में ले जाकर फ सलों की सिंचाई की जा सकती है। इसके अलावा कांबोज ने सोलर बैटरी से चलने वाली झाड़ू मशीन तैयार कर चुके हैं।
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