Business Idea: बेबी कॉर्न की खेती से साल में कर सकते हैं तीन बार कमाई

Baby Corn Farming: मक्के की खेती के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। आप चाहे तो बेबी कॉर्न की खेती कर के तगड़ी कमाई कर सकते हैं। अच्छी बात तो ये है कि आप ये खेती साल में करीब 3-4 बार कर सकते हैं।
 

Baby Corn Farming: भारत में चावल और गेहूं के बाद सबसे अधिक  खेती मक्के की खेती होती है। इसी के साथ भारत के साथ ही दुनिया भर में मक्के की काफी ज्यादा मांग है। लेकिन यदि बेबी कॉर्न की खेती को प्राथमिकता दी जाए तो आप इससे बढ़िया मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।

जानिए आप बेबी कॉर्न की खेती करके कैसै और कितना लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इस खेती से साल में आप तीन बार कमाई कर सकते हैं।

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कई पोषक तत्व होने से है खूब मांग, पूरे साल की जा सकती है खेती  

बेबी कॉर्न में कई सारे पोषक तत्व होते हैं और इस कारण इसकी मांग भी खूब होती है। पांच सितारा  होटलों के अलावा रेस्त्रां, पिज्जा व पास्ता चेन वगैरह में भी बेबी कॉर्न की काफी ज्यादा मांग होती है। बता दें कि बबी कॉर्न की खेती पूरे साल की जा सकती है।

इसके बीज का चुनाव करते समय आपको खास तौर यह ध्यान रखना होगा कि वह किस सीजन के बीज हैं। इसी के साथ उन्नत किस्म के बीच का चुनाव करना चाहिए। ताकि आपको फसल की अच्छी कीमत मिल सके।

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60-80 दिन में तैयार हो जाता है बेबी कॉर्न

बेबी कॉर्न की खेती के लिए खेत को पहले दो से तीन बार ठीक तरह से जोत लें। इसके बाद बुवाई करें। इस बात ख्याल रहे कि खेत में नमी जरूर हो। यदि खेत सूखा हो तो नमी के लिए  जुताई से पहले उसमें पानी लगा लें। आपको एक हेक्टेयर जगह के लिए लगभग 25 किलो बीज की जरूरत होगी।

बुवाई के बाद बेबी कॉर्न 60-80 दिन में तैयार हो जाता है। इसकी तुड़ाई पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। इसे एक से तीन सेंटीमीटर सिल्क आने पर तोड़ लेना चाहिए। ऐसे में आपको रोज तुड़ाई के लिए खेत में लेबर लगानी होगी, ताकि कोई बेबी कॉर्न जरूरत से ज्यादा बड़ा न हो जाए। 

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आठ से दस सेमी. ही रहे साइज, चारा भी होगा

बेबी कॉर्न  का साइज 8-10 सेमी. ही रहना चाहिए। बेबी कॉर्न के ऊपर की पत्तियां न हटाएं। ऐसा करने से लंबे समय तक बेबी कॉन सुरक्षित बना रहेगा। बेबी कॉर्न की फसल में पिंक बोरर, शूट फ्रलाई और तनाछेदक कीट काफी अधिक लगते हैं और ऐसे में उनके निपटान के लिए कीटनाशक का छिड़काव टाइम-टाइम पर करते रहना चाहिए।

बेबी कॉर्न की खेती में की तुड़ाई के बाद जो पौधे बचते हैं, उन्हें पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी फसल के साथ आपको बेबी कॉर्न की खेती से पशुओं के लिए चारा मिलेगा।  इसी के साथ मक्के की मुलायम पत्तियों व तनों का चारा बनाकर उन्हें आप खास वैराएटी की मछलियों को भी खिला सकते हैं। 

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मक्के की खेती में ज्यादा नहीं आता है खर्च

बेबी कॉर्न की खेती में मक्के की खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता है।  आप एक हेक्टेयर खेत में मक्के की बुवाई करते हैं तो बुवाई से तुड़ाई तक इतनी जगह पर आपका लगभग 50-60 हजार रुपया ही खर्च होगा। इसमें खेत की जुताई, कीटनाशक, बुवाई, सिंचाई, ट्रांसपोर्टेशन उर्वरक व तुड़ाई आदि शामिल है।

प्रति हेक्टेयर आपको लगभग 2-2.2 लाख रुपए तक की कमाई होगी। यानी करीब 1.5-1.7 लाख रुपए का मुनाफा। पूरे साल में तीन बार खेती का मतलब है कि आप एक हेक्टेयर से एक वर्ष में करीब 4.5-5 लाख रुपए तक का लाभ ले सकते हैं।  

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खेती के लिए सरकार कर्ज भी देती है

यदि आप बड़े स्तर पर खेती करना चाहते हैं और आपको पैसों की दिक्कत है तो आप सरकार से ऋण भी ले सकते हैं। सरकार इसके लिए कर्ज देती है। इसी के साथ आप मक्का अनुसंधान निदेशालय से भी सहायता ले सकते हैं।

भारत सरकार मक्के व बेबी कॉर्न की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सरकार एक जागरूकता अभियान भी चला रही है। अधिक जानकारी के लिए आप सरकार की वेबसाइट (iimr.icar.gov.in) की मदद भी ले सकते हैं।

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