FIFA World Cup Trophy: 6 किलो सोने से बनी, हो चुकी चोरी, कुत्ते ने ढूंढा था, जानिए इससे संबंधित रोचक फैक्ट्स
FIFA World Cup Qatar 2022: हर चार साल में एक बार आयोजित होने वाले फीफा विश्व कप में कुल 32 टीमों ने हिस्सा लिया है। विजेता टीम को सुनहरे रंग के फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी (FIFA Trophy) से सम्मानित किया जाएगा।
FIFA World Cup: फुटबॉल का सबसा बड़ा खिताब FIFA वर्ल्ड कप 20 नवम्बर से शुरू हो चुका है। इस खिताब पर कब्जा जमाने के लिए कतर में 18 दिसंबर तक 32 टीमें जद्दोजहद करेंगी।
इस अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता के दीवाने तो लाखों लोग हैं लेकिन बहुत कम लोगों को मालू होगा कि फीफा वर्ल्ड कप की शुरुआत के बाद से फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी दो बार डिज़ाइन की जा चुकी है।
इतना ही नहीं यह जानकर भी आपको हैरानी होगी कि फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी चोरी भी हुई थी जिसे एक कुत्ते ने ढूंढा था। तो चलिए जानते हैं फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी से जुड़ी रोचक जानकारी:
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अंतरराष्ट्रीय खेलों की सबसे महंगी ट्रॉफी
क्या आपको मालूम है कि फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अंतरराष्ट्रीय खेलों की सबसे महंगी ट्रॉफी मानी जाती है। यूएसए टुडे ने साल 2018 में अनुमान लगाया था कि ट्रॉफी की कीमत 20 मिलियन डॉलर होगी।
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FIFA वर्ल्ड कप ट्रॉफी आकार
फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी की लंबाई 36.5 सेमी होती है। ट्रॉफी को बनाने में 6.175 किलोग्राम 18 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल हुआ था। ट्रॉफी के गोलाकार बेस का व्यास 13 सेमी होता है, उसी बेस पर ‘FIFA World Cup‘ उकेरा गया है।
ट्रॉफी अंदर से खोखली होती है। इस ट्रॉफी के डिजाइन को लेकर कई तरह प्रस्ताव आए थे। 53 मॉडल में से इटली के कलाकार सिल्वियो गाजानिगा का डिजाइन पसंद आया था। उन्हें ही ट्रॉफी बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
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विजेता टीम को नहीं मिलती असली ट्रॉफी
एक रिपोर्ट के मुताबक 1930-1970 तक फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को जूल्स रिमेट ट्रॉफी दिया जाता था। हालांकि नई ट्रॉफी के लिए नियम अलग है।
कोई भी टीम असली ट्रॉफी को नहीं जीत सकती। विजेता टीम को असली ट्रॉफी की जगह फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी की Replica यानी उसी के जैसी दिखने वाली गोल्ड प्लेटेड कांस्य की ट्रॉफी दी जाती है।
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असली ट्रॉफी के लिए यह है नियम
फीफा का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड की राजधानी ज्यूरिख में है। कुछ खास मौकों को छोड़कर फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी ज्यूरिख स्थित मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा रहता है।
असल ट्रॉफी कुछ औपचारिक मौकों पर ही देखने को मिलती है, जैसे- ट्रॉफी टूर, वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला आदि। असली ट्रॉफी को कुछ खास लोग ही छू सकते हैं, उन खास लोगों में राष्ट्र प्रमुख और पूर्व वर्ल्ड कप विजेता शामिल हैं।
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1966 में चोरी हो गई थी फीफा ट्रॉफी
1966 में जब इंग्लैंड फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा था उस समय फीफा वर्ल्ड कप की पुरानी Jules Rimet Trophy चोरी हो गई थी। उस समय इस ट्राफी की कीमत तकरीबन 30,000 पाउंड थी। 20 मार्च 1966 को इंग्लैंड में इसे चोरों ने चुरा लिया।
इस घटना के बाद तमाम पुलिस एजेंसियां और दुनियां भर के लोग इसे ढूंढने में लग गए। एक दिन थेम्स लाइटरमैन डेविड कॉर्बेट लंदन के बेउला हिल शहर में अपने कुत्ते के साथ सैर करने निकले थे।
इसी दौरान कार्बेट को किसी काम से टेलीफोन बूथ पर जाना पड़ा और उसके कुत्ते ने एक कार के नीचे अखबार और तारों से लिपटा हुआ पैकेट देखा पैकेट सुनने के बाद कुत्ता कार्बेट के पास आया और उसे सामान तक ले गया।
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खरे सोने से बनी थी पुरानी ट्रॉफी
Jules Rimet Trophy यानी कि फीफा वर्ल्ड कप की पुरानी ट्रॉफी को खरे सोने से बनाया गया था जिसमें ग्रीक देवी नाइके की मूर्ति बनाई गई थी। इस ट्राफी को फ्रांस के मूर्तिकार एबेल लाफलेउर ने डिज़ाइन किया था।
जबकि फीफा वर्ल्ड कप की मौजूदा ट्रॉफी गोल्ड प्लेटेड स्टर्लिंग सिल्वर से बनाया गया है जिसमें लेपिस लजूली नामके बेशकीमती पत्थर को जड़ा गया है। मौजूदा ट्राफी के निचले हिस्से के चारों ओर सोने की प्लेट लगाई गई हैं जिन पर विजेता देशों का नाम दर्ज होता है।