1. Home
  2. Crime

Delhi Excise Scam: दिल्ली आबकारी घोटाले में क्या दिनेश अरोड़ा बन सकते हैं सरकारी गवाह, जानिए क्या कहता है कानून

Delhi Excise Scam: दिल्ली आबकारी घोटाले में क्या दिनेश अरोड़ा बन सकते हैं सरकारी गवाह, जानिए क्या कहता है कानून
Delhi Excise Scam: किसी आरोपी को सरकारी गवाह बनाने और उसे माफी दिए जाने के लिए पुलिस या जांच एजेंसी खुद से फैसला नहीं कर सकती। इसके लिए Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) में प्रावधान किया गया है।

Delhi Excise Scam: केंद्र व दिल्ली की केजरीवाल सरकार के बीच राष्ट्रीय राजधानी के ही कई मसलों पर अरसे से खींचतान जारी है और इसी बीच दिल्ली की कथित शराब नीति को लेकर सामने आए बड़े घोटाले में केजरीवाल सरकार की मुश्किल कम होती नजर नहीं आ रही हैं।

गौरतलब है कि इस मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं और मामले के अन्य आरोपी व्यवसायी दिनेश अरोड़ा ने सीबीआई का सरकारी गवाह बनने की अपनी स्वीकृति दे दी है। अब सवाल यह उठ रहा सरकारी गवाह कौन बन सकता है और इसके लिए कानून में क्या प्रावधान है।

ये भी पढ़ें: पहले विदेशी ऑक्शन के लिए तैयार आईपीएल, इस्तांबुल में हो सकता है आईपीएल 2023 का मिनी-ऑक्शन

दिनेश अरोड़ा को गवाह बनाने के लिए सीबीआई ने दी है अर्जी

दरअसल दिनेश अरोड़ा को गवाह बनाने के मकसद से सीबीआई ने कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसिजर (सीआरपीसी) की धारा 306 के तहत कोर्ट के समक्ष अर्जी डाली है। कोर्ट इस अर्जी पर 14 नवंबर को फैसला करेगी कि दिनेश अरोड़ा को गवाह बनाया जाए या नहीं। कोर्ट ने दिनेश को पिछले हफ्ते ही जमानत दी थी।

सीबीआई ने दिल्ली से 27 सितंबर को शराब घोटाले से जुड़ी जांच के क्रम में इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ व्यवसायी विजय नायर को अरेस्ट किया था। इससे पहले गत अगस्त में सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाले में एक केस दर्ज किया था और 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था।

ये भी पढ़ें: नए पब्लिशर के साथ भारत में जल्द वापसी कर सकती है BGMI

जानिए कौन होता है सरकारी गवाह

किसी भी आपराधिक मामले में पुलिस अथवा जांच एजेंसियां जब आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में विफल रहती हैं या केस वीक पड़ जाता है तो ऐसी स्थिति में पुलिस अथवा जांच एजेंसी आरोपियों के बीच से ही रिहाई या माफी आदि के लालच का वादा करके मामले की हकीकत बयां करने के मकसद से किसी को अपना गवाह बना लेती हैं।

इसके बाद जब वह आरोपी अपने सह आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में गवाही देता है तो सरकारी गवाह कहलाता है। बता दें कि सरकारी गवाह की गवाही से पूरा मामला ही पलट जाता है और पुलिस या जांच एजेंसी का केस मजबूत बन जाता है।

ये भी पढ़ें: क्या Diabetes मरीजों के लिए खतरनाक है डेंगू, जानिए कैसे करें बचाव

सरकारी गवाह के लिए खुद से निर्णय नहीं कर सकती पुलिस

जांच एजेंसी या पुलिस किसी आरोपी को सरकारी गवाह बनाने व उसे माफी देने के लिए खुद से निर्णय  नहीं कर सकती। इसके लिए सीआरपीसी में प्रावधान है। इसके लिए ही सीआरपीसी की धारा 306 है। इसके तहत सरकारी गवाह बनाए गए शख्स को माफी देने के लिए याचिका दायर की जाती है।

धारा 306 (2) के तहत यदि कोई मामला सेशन कोर्ट में विचाराधीन है और दंड विधि संशोधन अधिनियम 1952 के अंतर्गत नियुक्त विशेष न्यायाधीश की अदालत में विचाराधीन हैं व उसे धारा 306 व 307 के तहत माफी दी गई है, पर वह शख्स किन्हीं तथ्यों को छिपाने की कोशिश करता है

या गलत जानकारी उपलब्ध करवाता है या शर्तों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ केस दायर किया जा सकता हे। इसी तरह यदि सरकारी गवाह अपने बयान अथवा बात से पलटता है तो उसके खिलाफ झूठा बयान देने का केस अदालत में चलाया जा सकता है।  

ये भी पढ़ें: अगर दिवाली और छठ पर जाना है घर तो रेलवे की इन स्पेशल ट्रेनों का उठाएं लाभ

सीआरपीसी की फुल फॉर्म और जानिए इसमें क्या हैं प्रावधान

सीआरपीसी अंग्रेजी का शब्द है और इसकी फुल फॉर्म कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसिजर होती है। हिंदी में इसे 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहते हैं। दंड प्रक्रिया संहिता मतलब सीआरपीसी में 37 अध्याय हैं, जिनके तहत कुल 484 धाराएं आती हैं। जब भी कोई अपराध सामने आता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं।

एक पुलिस अपराध की जांच करने में सीआरपीसी को अपनाती है, जो पीड़ित से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी के संबंध में होती है। बता दें कि सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून पारित किया गया था।  इसके बाद एक अप्रैल 1974 से सीआरपीसी देश में लागू हुई थी। तब से अब तक इसमें कई बार संशोधन भी किए गए हैं।

ये भी पढ़ें: बीसीसीआई ने लिया बड़ा फैसला, पुरुष और महिला क्रिकेटरों दोनों को मिलेगा समान वेतन


देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें पाने के लिए अब आप HaryanaNewsPost के Google News पेज और Twitter पेज से जुड़ें और फॉलो करें।