Kurukshetra News : मूर्तिकार अरुण योगीराज कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण की मूर्ति बनाएंगे, बना चुके हैं अद्भुत मूर्तियां

कुरुक्षेत्र। श्री ब्रह्मपुरी अन्नक्षेत्र ट्रस्ट के प्रधान राजेश गोयल का कहना है कि मूर्तिकार अरुण योगीराज से चर्चा के बाद नेपाल में शालीग्राम पत्थर के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा है।
यह मूर्ति श्रीराम की मूर्ति की तर्ज पर शालीग्राम पत्थर से ही बनवाने की योजना है। जल्द इसे सिरे चढ़ाया जाएगा।
श्रीकृष्ण की मूर्ति बनाएंगे अरुण योगीराज
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शालिग्राम पत्थर भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है और कई हिन्दू घरों में इनकी नित विशेष पूजा की जाती है।
श्रीकृष्ण वर्ष 2006 से निर्माणाधीन 18 मंजिला ज्ञान मंदिर में विराजमान होंगे। साथ में अर्जुन और रथ की भी आकृति होगी।
ब्रह्मपुरी अन्नक्षेत्र ट्रस्ट ने योजना तैयार की है। नेपाल की गंडक नदी से निकाले गए शालीग्राम पत्थर का प्रयोग किया जाएगा।
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अयोध्या में श्री रामलला की मूर्ति को आकार देने वाले शिल्पकार योगीराज अब कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को साकार करेंगे।
इसमें महाभारत के दौरान अर्जुन से संवाद में श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को दर्शाया जाएगा। इसमें अर्जुन और चार घोड़ों के साथ रथ भी दिखाई देगा।
इस मूर्ति को भी श्रीराम की मूर्ति की तर्ज पर ही नेपाल के गंडक नदी से निकाले गए शालीग्राम पत्थर से ही तैयार किया जाएगा।
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धर्मनगरी को विशेष पहचान देने वाले एवं एशिया के सबसे ऊंचे माने जाने वाले ब्रह्मसरोवर के पूर्वी किनारे पर निर्माणाधीन 18 मंजिला ज्ञान मंदिर के गर्भ गृह में श्रीकृष्ण की उक्त मूर्ति स्थापित की जाएगी।
श्री ब्रह्मपुरी अन्नक्षेत्र ट्रस्ट ज्ञान मंदिर के संस्थापक स्वामी चिरंजीवपुरी महाराज का कहना है कि तीन एकड़ भूमि में 18 मंजिला ज्ञान मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है।
मंदिर के गर्भगृह में श्रीकृष्ण का अर्जुन को संदेश देते हुए विराट स्वरूप विराजमान किया जाएगा, जिसके लिए मूर्तिकार अरुण योगीराज से चर्चा हो चुकी है।
इसके लिए ट्रस्ट ने योजना तैयार कर ली है। जल्द ही प्रख्यात शिल्पकार अरुण योगीराज भी मंदिर का अवलोकन करेंगे।
कौन हैं मूर्तिकार अरुण योगीराज
मैसूर निवासी मूर्तिकार अरुण योगीराज का परिवार पिछली पांच पीढ़ियों से मूर्तियां बना रहा है। अरुण योगीराज बचपन से ही मूर्तियां बनाने का काम करने लगे थे। उन्होंने एमबीए करने के बाद एक प्राइवेट कंपनी में काम भी किया।
मूर्ति को बनाने में कितना समय लगा
मूर्तिकार योगीराज पत्नी विजेता अरुण ने बताया कि योगीराज ने अयोध्या में रहकर ही भगवान राम की मूर्ति बनाई। वे रोज वह सुबह 6 बजे जग जाते थे। सुबह की शुरुआत एक्सरसाइज के साथ करते थे। आमतौर पर वह रोज कम से कम 10 घंटे मूर्ति बनाने में लगाते थे। ज्यादातर दिन वह 10 घंटे से ज्यादा ही काम करते थे। अयोध्या राम मंदिर मूर्ति के लिए उन्होंने पूरी तरह से समर्पित होकर अयोध्या से ही काम किया।
Ram Mandir Murti: मूर्तिकार अरुण योगीराज को भगवान राम की मूर्ति को बनाने में कितना समय लगा
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