What is Semiconductor Mission: सरकार सेमीकंडक्टर यूनिट के प्रस्तावों को एक या दो माह में दे सकती है मंजूरी
नई दिल्ली। India Semiconductor Mission: देश में अगले एक से दो महीने तक इलेक्ट्रॉनिक चिप व डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के प्रस्तावों (सेमीकंडक्टर यूनिट) को मंजूरी देने का काम शुरू हो सकता है। आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कल कहा कि 30 से 60 दिन के भीतर इन प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने का काम शुरू किया जा सकता है। चंद्रशेखर इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) विजन (IESA Vision Summit) के शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे।
सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के विकास में हुई बेहतर प्रगति
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, विगत आठ से नौ महीनों में देश में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के विकास में बेहतर प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए 1.53 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने पर सरकार को पांच कंपनियों से प्रस्ताव मिले हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि वेदांता फॉक्सकॉन जेवी, आईजीएसएस वेंचर्स, आईएसएमसी ने 13.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसी के साथ 76,000 करोड़ सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम के तहत केंद्र से 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के समर्थन की मांग की है।
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उद्योग में काफी रुचि देखी जा रही
आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि अगले 30 से 60 दिन के भीतर भारत सरकार व भारत सेमीकंडक्टर मिशन उन प्रस्तावों को मंदूरी दे देंगे जिनकी जांच कर ली गई है और और निवेश भी पारित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, उद्योग में काफी रुचि देखी जा रही है और वेफर निर्माण संयंत्रों में निवेश व सिलिकॉन कंपाउंड से लेकर पैकेजिंग और टेस्टिंग तक सरकार के पास कई प्रस्ताव हैं।
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गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों ने जबरदस्त तत्परता दिखाई
चंद्रशेखर ने बताया कि गुजरात, कर्नाटक जैसे राज्यों ने जबरदस्त तत्परता दिखाई है। इन राज्यों की सरकारों ने इस नए विकास के अवसर व रोजगार सृजन, निवेश तथा नवाचार को देखने के लिए जबरदस्त सक्रिय प्रतिक्रिया दिखाई है। वेदांता फॉक्सकॉन जेवी (Vedanta Foxconn JV, IGSS Ventures) ने गुजरात में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप मैन्युफैक्चरिंग युनिट लगाने की स्कीम का ऐलान किया है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में महत्वपूर्ण निवेश की जरूरत है और सरकार इस क्षेत्र को एक लंबे खेल के रूप में देख रही है।
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27 बिलियन अमरिकी डॉलर वैल्यू के सेमीकंडक्टर का उपभोग करेगा भारत
चंद्रशेखर ने बताया कि इस वर्ष हम अकेले 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का निर्यात पार करेंगे। एक समय 2014 में हमारा निर्यात शून्य था। इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए समग्र क्षेत्र के रूप में 2025 तक हमारा लक्ष्य 300 बिलियन अमरिकी डॉलर का मैन्युफैक्चरिंग व 120 बिलियन अमरिकी डॉलर का निर्यात है। एक अध्ययन का हवाला देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि आईईएसए के अध्यक्ष विवेक त्यागी ने कहा, भारत इस साल लगभग 27 बिलियन अमरिकी डॉलर वैल्यू के सेमीकंडक्टर का उपभोग करेगा।
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2026 तक सेमीकंडक्टर की खपत इतनी हो जाएगी
विवेक त्यागी का कहना है कि 2026 तक सेमीकंडक्टर की खपत लगभग 70 बिलियन अमरिकी डॉलर तक बढ़ जाएगी। यह एक बड़े बाजार जैसा लगता है, लेकिन उन 27 बिलियन अमरिकी डॉलर के सेमीकंडक्टर (Semicon India Programme) में से केवल 10 फीसदी ही वास्तव में भारत में खरीदे गए थे। यह चिंता का विषय है और आईईएसएऔर उद्योग के रूप में हम स्थिति को सुधारने के लिए सभी को काम करने की जरूरत है।
यदि हम भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन व मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करें तो इसमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, सरकार के प्रोत्साहन ने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को बढ़ावा दिया है, पर ज्यादातर उत्पाद भारत में असेंबल किए जा रहे हैं। विवेक त्यागी ने कहा, एक बार जब यहां प्रोडक्ट्स बनकर तैयार जाएंगे तो देश में मूल्यवर्धन का एक अलग लेवल होगा। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (Vedanta Foxconn JV) की शुरुआत से पूर्व देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप्स को असेंबल करने व टेस्ट करने का चलन रहा है।
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