Ratna Astrology: जानिए किन लोगों को पहनना चाहिए लहसुनिया रत्न, लाभ?
Lehsunia Stone: लहसुनिया रत्न धारण करने के कई फायदे और नुकसान ज्योतिष में बताए गए है। कुंडली में केतु ग्रह की कमजोर स्थिति होने पर इसे धारण करना बताया गया है।
Ratna Astrology: ज्योतिष शास्त्र में कई रत्नों और उपरत्नों के बारे में बताया गया है। कहते हैं रत्न धारण करने से ग्रहों की स्थिति सुधरने लगती है। हर ग्रह का किसी न किसी रत्न से संबंध माना जाता है। मोती रत्न चंद्रमा के लिए तो नीलम रत्न शनि के लिए धारण किया जाता है।
ऐसे ही बुध के लिए पन्ना और बृहस्पति के लिए पुखराज धारण करना शुभ माना जाता है। आज हम बात करने जा रहे हैं केतु का रत्न लहसुनिया के बारे में। कहा जाता है कि कुंडली में केतु की स्थिति कमजोर है, तो इस रत्न को पहनना लाभकारी होगा। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
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लहसुनिया रत्न क्या है?
इस रत्न का संबंध केतु ग्रह से होता है, जिस जातक की कुंडली में केतु ग्रह कमजोर स्थिति में होते हैं। उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे धारण करने पर कुंडली में केतु ग्रह दोष दूर होता है। वहीं सुख-समृद्धि भी आने की मान्यता है।
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किन लोगों को पहनना चाहिए लहसुनिया रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की कुंडली में केतु की स्थिति कमजोर है। तो वह इस रत्न को धारण कर सकता है। ऐसा करने से उसे हर तरह के डर से निजात मिल जाएगा। कुंडली में केतु की अंतर या महा दशा चल रही हो, तो लहसुनिया रत्न पहनना लाभकारी होगा।
रत्न शास्त्र के अनुसार, वह लोग भी लहसुनिया रत्न को धारण कर सकते हैं जिनकी कुंडली में केतु प्रथम, तीसरे, चौथे, पांचवें, नौवें और दसवें भाव पर स्थित है। अगर कुंडली में केतु के साथ सूर्य है, तो वह भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
नजर दोष से बचने के लिए भी लहसुनिया रत्न धारण किया सकता है। अगर बच्चे को पहना रहे है, तो एक चांदी के लॉकेट में यह रत्न जड़कर पहना सकते हैं।
अगर किसी जातक की कुंडली में केतु भाग्येश या फिर पांचवें भाव में है, तो लहसुनिया रत्न पहनने से लाभ मिलेगा। अगर किसी जातक को लगातार बिजनेस में घाटा हो रहा है, तो ज्योतिषी की सलाह लेकर लहसुनिया रत्न धारण किया जा सकता है।
कैसे धारण करें लहसुनिया रत्न
इन रत्न को ज्योतिषी के अनुसार रत्ती में धारण करना चाहिए। जब केतु का प्रभाव कुंडली में समाप्त हो जाए, तो इस रत्न को नहीं धारण करना चाहिए।
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लहसुनिया रत्न धारण करने के लाभ
इस रत्न को धारण करने पर निवेश आदि कार्यों से जुड़े जातकों को लाभ होता है। यह करियर की तरक्की में आ रही बाधा को भी दूर करता है। इस रत्न को धारण करने पर बुरी नजर से बचने की मान्यता है। कैंसर, लकवा और अवसाद जैसी बीमारी में लाभप्रद है। इसे धारण करने पर तनाव दूर होता है। साथ ही स्मरण शक्ति बढ़ती है।
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