Haryana News: पढ़ाई के इच्छुक एससी व एसटी कैंडिडेट्स के लिए तारणहार की भूमिका निभा रही इग्नू

Haryana: 5 साल करनाल इग्नू रीजनल सेंटर से 61516 एससी व एसटी कैंडिडेट्स ने पढ़ाई की। उनसे महज आवेदन फीस ही ली जाती है। दाखिला लेने वाले एससी व एसटी कैंडिडेट्स का आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। उम्मीद की नई उम्मीद बनी इग्नू।

 

चंडीगढ़। Haryana News: अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने में पढ़ाई की भूमिका सबसे अहम रहती है। शिक्षण संस्थान यहां अग्रणी रोल अदा करते हैं। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) इसको लेकर हर वर्ग व तबके के पढ़ाई के इच्छुक लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण के रूप में निरंतर सामने आ रही है।

चाहे कैदियों की बात हो बुजुर्गों या फिर युवाओं की, संस्थान ने हर किसी को पढ़ाई का बेहद सुलभ व किफायती मंच उपलब्ध करवाया है। आर्थिक रूप से गरीब तबके के लोगों को संस्थान पढ़ाई का बेहतरीन मौका उपलब्ध करवा रहा है।

इसी कड़ी में सामने आया है कि इग्नू एससी व एसटी वर्ग के स्टूडेंट्स को निशुल्क पढ़ाई की सुविधा दे रहा है। महज आवेदन फीस ली जा रही है और इसके अलावा किसी तरह का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। कैंडिडेट्स 31 जनवरी 2023 तक दाखिला ले सकते हैं।

ये भी बता दें कि कई दफा संस्थान ने आवेदन की तिथि पूर्व में बढ़ाई है ताकि ज्यादा से ज्यादा कैंडिडेट्स यहां से पढ़ाई कर सकें। वहीं दूसरी तरफ ये भी बता दें कि प्रदेश की 13 जेलों में भी इग्नू के स्टडी सेंटर चल रहे हैं।

संस्थान कैंडिडेट्स को बीए,बीकॉम और बीएससी में निशुल्क दाखिले की सुविधा प्रदान करता है। कैंडिडेट्स को महज रजिस्ट्रेशन फीस का ही भुगतान करना पड़ेगा। एससी और एसटी विद्यार्थियों को ऑनलाइन फार्म भरते वक्त अपना जाति प्रमाण पत्र और इनकम सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य है। 

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230 तरह के पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं कैंडिडेट

इग्नू में पढ़ाई के पाठ्यक्रम की लंबी फेहरिस्त है। इसको लेकर कैंडिडेट्स अपनी रूचि का पाठयक्रम चूज कर सकते हैं। इग्नू अनेक तरह के ऐसे पाठ्यक्रम करवाती है जिनके आधार पर स्टूडेंट्स अपनी रेगुलर डिग्री के साथ अपनी रुचि के हिसाब से अपने कौशल भी बढ़ा सकते है।

इसमें सीधे रोजगार आधारित भी पाठयक्रम हैं जो कैंडिडेट्स को भविष्य में रोजगार संपन्न बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर इग्नू के कंप्यूटर, भोजन एवं पोषण समाज कार्य संबंधित, शिक्षा संबंधित, मनोविज्ञान, डिजास्टर मैनेजमेंट संबंधित, टूरिज्म आदि विभिन्न तरह के 230 पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं। 

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साल 2021 में सबसे ज्यादा 21096 एससी व एसटी कैंडिडेट्स ने दाखिला लिया

प्रदेश में इग्नू के कोर्स में दाखिला लेने वाले कैंडिडेट्स की संख्या में निरंतर इजाफा हुआ है। इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल के अंतर्गत पिछले 05 वर्षो में लगभग 61545 एससी व एसटी विद्यार्थियों ने इग्नू से उच्च शिक्षा हासिल कर अपने अपने को उड़ान देने का काम किया है।

इग्नू की इस पहल से हजारों विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा हासिल कर समाज की मुख्यधारा में जगह बनाने में सफलता हासिल की है और निरंतर आगे बढ़े हैं। अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2017 में 5337, वर्ष 2018 में 6955, वर्ष 2019 में 9296, वर्ष 2020 में 18861 और वर्ष 2021 में 21096 एससी एसटी विद्यार्थियों ने इग्नू की दूरस्थ शिक्षा को चुना है।

ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पढ़ाई के इच्छुक व आर्थिक रूप से कमजोर तबके के कैंडिडेट्स  के लिए इग्नू बेहतरीन विकल्प के रूप में सामने आई है। 

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कैदियों के लिए भी नई उम्मीद की किरण बना है इग्नू

इग्नू कैदियों के लिए भी नई उम्मीद की किरण बना है। कुल के 10 फीसद से ज्यादा जेलों में सजा काट रहे कैदियों के लिए भी इग्नू नई उम्मीद की किरण के रूप में सामने आया है। अनुमानित तौर पर हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों का आंकड़ा 25 हजार से ज्यादा है।

इनमें से काफी कैदी ऐसे हैं जो हालात या फिर अन्य कारणों के चलते अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए लेकिन इग्नू के जरिए कर रहे हैं। ऐसे में जेल में बंद पढ़ने या अधूरी रही पढ़ाई को पूरा करने के इच्छुक कैदियों के लिए इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) बड़ी उम्मीद के रूप में सामने आई है।

संस्थान के जरिए हरियाणा की जेलों में बंद 2777 बंदियों का एनरोलमेंट हुआ है। संख्या के लिहाज से इग्नू के जरिए पढ़ाई कर रहे कैदियों की आंकड़ा कुल कैदियों के 10 फीसद से भी ज्यादा है।

पढ़ाई के लिए रजिस्टर्ड होने वाले कैदियों की पढ़ाई, स्टडी मैटेरियल, एग्जाम और तमाम जरूरी इंतजाम इग्नू के द्वारा ही किए जाते हैं। इग्नू के जरिए जो बंदी पढ़ाई कर रहे हैं या कर चुके हैं, उन्होंने बीए और बीकॉम में दाखिला लिया। 

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5 साल में 2777 ने दाखिला लिया

इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल के अंतर्गत पांच साल में 2777 बंदियों को शिक्षा के साथ जोड़ा गया है। साल वार आंकड़ों की बात करें तो जनवरी 2017 में 230 और जुलाई 2017 में 353 बंदी इग्नू के जरिए पढ़ाई से जुड़े।

इसके बाद जनवरी 2018 में 305 और जुलाई 2018 में 285 बंदियों ने शिक्षा का रास्ता चुना। फिर जनवरी 2019 में 446 और जुलाई 2019 में 503 बंदियों ने पढ़ाई शुरु की। इसके बाद जनवरी 2020 में 156 और जुलाई 2020 में 61 बंदियों ने कोर्स में दाखिला लिया।

इसके बाद जनवरी 2021 में 178 और जुलाई 2021 में 78 बंदियों ने दाखिला लिया। इस साल जनवरी 2022 में 182 कैदियों ने इग्नू द्वारा दिखाए उच्च शिक्षा के रस्ते को चुना है। जुलाई 2022 सत्र के दाखिलों को लिए अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गई ताकि जो बंदी रह गए उनको एक और मौका दिया जा सके।

इनमें सबसे ज्यादा 937 कैदी जींद से हैं। इसके बाद सोनीपत से 354 बंदी हैं। दोनों जेलों के कैदियों का आंकड़ा पढ़ाई कर रहे कैदियों का करीब करीब 50 फीसद है। इसके बाद हिसार में 298 बंदी तो यहीं की बाल सुधार गृह में 231 बंदी स्टडी कर रहे हैं।

इसके अलावा कुरुक्षेत्र में 185 और करनाल में 170 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं। इसके बाद यमुनानगर में 174, करनाल में 170, सिरसा में 129, रोहतक में 100, झज्जर में 30, कैथल में 4 और नारनौल में 1 कैदी पढ़ाई कर रहा है। 

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कोट्स 

कैंडिडेट्स कॉलेज में रेगुलर डिग्री करने के साथ साथ इग्नू से विभिन्न तरह के कौशल आधारित डिप्लोमा पाठ्यक्रम या कोई भी डिग्री कर सकते हैं। महज आवेदन फीस ही ली जा रही है। इसके अलावा कैदियों के लिए भी इग्नू उम्मीद की किरण के रूप में सामने आया है।

पिछले पांच साल में बड़े पैमाने पर कैदियों ने इग्नू के जरिए पढ़ाई की है और इसके चलते वो काफी हद तक सामान्य जीवन की तरफ अग्रसर हुए। इग्नू ही इकलौता शिक्षण संस्थान है जो हर वर्ग के लोगों को उनकी शर्तों पर उच्च शिक्षा प्राप्त करने की आजादी देता है।

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