Aaj ka Rashifal: 25 दिसंबर का कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा

Aaj ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। रोजगार की चिंता रह सकती है। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। मानसिक दृढ़ता से निर्णय लेकर कार्य करना चाहिए। व्यापार में लाभकारी परिवर्तन होंगे।
Mesh Rashifal 2023: मेष राशि वालों के लिए कैसा होगा नया साल? पढ़ें वार्षिक राशिफल
वृष
शत्रु परास्त होंगे। भूमि व भवन की खरीद-फरोख्त हो सकती है। रोजगार मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन गतिविधियां लाभकारी रहेंगी। व्यापार में नई योजनाओं का प्रारंभ होगा। पराक्रम के प्रति निष्क्रियता के कारण मन अप्रसन्न रहेगा।
Vrishabha Rashifal 2023: जानिए वृषभ राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मिथुन
परिवार की चिंता रहेगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। परोपकार करके मानसिक सुख अर्जित करेंगे। व्यापारिक स्थिति आशाजनक रहेगी। पारिवारिक, मांगलिक कार्य की योजना बनेगी। कर्ज लेने से बचना चाहिए।
Mithun Rashifal 2023: जानिए मिथुन राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कर्क
व्यर्थ भागदौड़ होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। विवाद न करें। कार्य निर्णय बहुत शांति से विचार करके करना ही शुभ है। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। रुका धन मिलेगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। विरोध होगा।
Kark Varshik Rashifal 2023: जानिए कर्क राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
सिंह
फालतू खर्च होगा। अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। विवाद न करें। आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। व्यापार में नए अनुबंध होंगे। व्ययों में कमी करना चाहिए। व्यापार अच्छा चलेगा। जीवनसाथी से मतभेद।
Singh Rashifal 2023: जानिए सिंह राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कन्या
पुराना रोग उभर सकता है। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। आय में कमी रहेगी। धैर्य रखें। स्वास्थ्य की समस्या हल होगी। ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ेगी। जीवनसाथी की भावनाओं को समझें। आर्थिक निवेश लाभकारी रहेगा।
Kanya Varshik Rashifal 2023: जानिए कन्या राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
तुला
नई योजना बनेगी। कार्य का विस्तार होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें। काम के प्रति दृढ़ता से कार्य में अनुकूल सफलता मिल सकेगी। पारिवारिक सुख व धन बढ़ेगा। वाणी संयम आवश्यक है।
Tula Varshik Rashifal 2023: जानिए तुला राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
वृश्चिक
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। समाज के कामों में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। नौकरी में तबादला तथा पदोन्नति के योग हैं। अनावश्यक क्रोध न करें। धन संबंधी काम पूरे होंगे।
Vrischik Varshik Rashifal 2023: जानिए वृश्चिक राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
धनु
कुसंगति से बचें। लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। विवाद न करें। सार्वजनिक कार्यों में समय व्यतीत होगा। संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। रोजगार के क्षेत्र में उन्नति होगी।
Dhanu Varshik Rashifal 2023: जानिए धनु राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मकर
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा संभव है। विवाद न करें। रोजगार मिलेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। आपकी मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति आपके जीवन में आनंद का संचार करेगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी।
Makar Varshik Rashifal 2023: जानिए मकर राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कुंभ
सुख के साधन जुटेंगे। प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मनचाही पदोन्नति मिलने के योग बनेंगे। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। अजनबियों पर विश्वास न करें।
Kumbh Varshik Rashifal 2023: जानिए कुंभ राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मीन
वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। लाभ होगा। उत्तम मनोबल आपकी सभी समस्याओं को हल कर देगा। प्रतिष्ठित जनों से मेलजोल बढ़ेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव मिलेंगे।
Meen Varshik Rashifal 2023: जानिए मीन राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
| जय श्री राधे |
महर्षि पाराशर पंचांग
अथ पंचांगम्
ll जय श्री राधे ll
दिनाँक:-25/12/2022, रविवार
द्वितीया, शुक्ल पक्ष,
पौष
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि---------- द्वितीया 08:24:05 तक
तिथि----------- तृतीया 28:51:00
पक्ष------------------------- शुक्ल
नक्षत्र------ उत्तराषाढा 19:20:24
योग---------- व्याघात 24:57:40
करण----------- कौलव 08:24:05
करण----------- तैतुल 18:35:45
करण-------------- गर 28:51:00
वार------------------------ रविवार
माह------------------------- पौष
चन्द्र राशि------------------- मकर
सूर्य राशि--------------------- धनु
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ---------------------नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत------------------ 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:08:32
सूर्यास्त---------------- 17:29:59
दिन काल------------- 10:21:26
रात्री काल------------- 13:38:58
चंद्रोदय--------------- 09:05:44
चंद्रास्त---------------- 19:41:05
लग्न---- धनु 9°3' , 249°3'
सूर्य नक्षत्र-------------------- मूल
चन्द्र नक्षत्र-------------- उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र
पद, चरण
भो---- उत्तराषाढा 08:46:20
जा---- उत्तराषाढा 14:02:59
जी---- उत्तराषाढा 19:20:24
खी---- श्रवण 24:38:43
खू---- श्रवण 29:58:08
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 09 : 29 मूल , 3 भा
चन्द्र =मकर 02°23, उ oषाo , 2 भाे
बुध =धनु 28 ° 34' उ o षाo ' 1 भे
शुक्र=धनु 24°05, पू o षाo ' 4 ढा
मंगल=वृषभ 16°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 06°30 ' उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 27°43 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व) मेष 16°30 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 16°30 विशाखा , 4 ता
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 16:12 - 17:30 अशुभ
यम घंटा 12:19 - 13:37 अशुभ
गुली काल 14:55 - 16:12 अशुभ
अभिजित 11:59 - 12:40 शुभ
दूर मुहूर्त 16:07 - 16:49 अशुभ
वर्ज्यम 22:53 - 24:17* अशुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग 07:09 - 08:26 अशुभ
चर 08:26 - 09:44 शुभ
लाभ 09:44 - 11:02 शुभ
अमृत 11:02 - 12:19 शुभ
काल 12:19 - 13:37 अशुभ
शुभ 13:37 - 14:55 शुभ
रोग 14:55 - 16:12 अशुभ
उद्वेग 16:12 - 17:30 अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ 17:30 - 19:12 शुभ
अमृत 19:12 - 20:55 शुभ
चर 20:55 - 22:37 शुभ
रोग 22:37 - 24:19* अशुभ
काल 24:19* - 26:02* अशुभ
लाभ 26:02* - 27:44* शुभ
उद्वेग 27:44* - 29:27* अशुभ
शुभ 29:27* - 31:09* शुभ
दिन होरा
सूर्य 07:09 - 08:00
शुक्र 08:00 - 08:52
बुध 08:52 - 09:44
चन्द्र 09:44 - 10:36
शनि 10:36 - 11:27
बृहस्पति 11:27 - 12:19
मंगल 12:19 - 13:11
सूर्य 13:11 - 14:03
शुक्र 14:03 - 14:55
बुध 14:55 - 15:46
चन्द्र 15:46 - 16:38
शनि 16:38 - 17:30
होरा, रात
बृहस्पति 17:30 - 18:38
मंगल 18:38 - 19:46
सूर्य 19:46 - 20:55
शुक्र 20:55 - 22:03
बुध 22:03 - 23:11
चन्द्र 23:11 - 24:19
शनि 24:19* - 25:28
बृहस्पति 25:28* - 26:36
मंगल 26:36* - 27:44
सूर्य 27:44* - 28:52
शुक्र 28:52* - 30:01
बुध 30:01* - 31:09
उदयलग्न प्रवेशकाल
धनु > 05:28 से 07:34 तक
मकर > 07:34 से 09:18 तक
कुम्भ > 09:18 से 10:52 तक
मीन > 10: 52 से 12:20 तक
मेष > 12:20 से 14:00 तक
वृषभ > 14:00 से 18:12 तक
कर्क > 18:12 से 20:28 तक
सिंह > 20:28 से 22:44 तक
कन्या > 22:44 से 00:52 तक
तुला > 00:52 से 03:02 तक
वृश्चिक > 03:02 से 05:18 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
2 + 1 + 1 = 4 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
विशेष जानकारी
* सर्वार्थ सिद्धि योग 19:20
*तुलसी दिवस
*तृतियाक्षय
*श्री अटल बिहारी वाजपेई जयंती
*महाराणा प्रताप पुण्य तिथि
*पंडित मालवीय जयंती
शुभ विचार
कामधेनुगुण विद्या ह्यकाले फलदायिनी ।
प्रवासे मातृसदृशी विद्या गुप्तं धनं स्मृतम् ।।
।। चा o नी o।।
विद्या अर्जन करना यह एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है. वह विदेश में माता के समान रक्षक अवं हितकारी होती है. इसीलिए विद्या को एक गुप्त धन कहा जाता है.
सुभाषितानि
गीता -: विभूतियोग अo-10
न मे विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षयः ।,
अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः ॥,
मेरी उत्पत्ति को अर्थात् लीला से प्रकट होने को न देवता लोग जानते हैं और न महर्षिजन ही जानते हैं, क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं का और महर्षियों का भी आदिकारण हूँ॥,2॥,
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