Aaj ka Rashifal: 29 दिसंबर का कैसा रहेगा आपका दिन, जानिए अपनी राशि का पूरा ब्यौरा
Aaj ka Rashifal: आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) वाले आपको बता रहे हैं कि आज का भविष्य फल कैसा रहेगा।
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
धन प्राप्ति सुगम होगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। पहले किए गए कार्यों का लाभदायी फल आज मिल सकेगा। संतान के कामों से खुशी होगी। व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। यात्रा सफल रहेगी।
Mesh Rashifal 2023: मेष राशि वालों के लिए कैसा होगा नया साल? पढ़ें वार्षिक राशिफल
वृष
पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। परिश्रम का पूरा परिणाम मिलेगा। अच्छी व सुखद स्थितियाँ निर्मित होंगी। विरोधी आपकी छवि खराब करने का प्रयास कर सकते हैं। व्यावसायिक सफलता से मनोबल बढ़ेगा।
Vrishabha Rashifal 2023: जानिए वृषभ राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मिथुन
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। नौकरी करने वालों को ऐच्छिक स्थानांतरण एवं पदोन्नति मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें।
Mithun Rashifal 2023: जानिए मिथुन राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कर्क
फालतू खर्च होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा। आमदनी बढ़ेगी। रुका धन मिलने से निवेश में वृद्धि होने के योग हैं। उदर संबंधी विकार हो सकते हैं।
Kark Varshik Rashifal 2023: जानिए कर्क राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
सिंह
भागदौड़ रहेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। कार्यकुशलता सहयोग से लाभान्वित होंगे। काम में मन लगेगा। स्वयं का सोच अनुकूल रहेगा। रिश्तेदारों से संबंधों की मर्यादा बनाए रखें। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है।
Singh Rashifal 2023: जानिए सिंह राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कन्या
प्रयास सफल रहेंगे। प्रशंसा प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य क्षेत्र में नई योजनाओं से लाभ होगा। लगन, मेहनत का उचित फल मिल सकेगा। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। विवाद सुलझेंगे।
Kanya Varshik Rashifal 2023: जानिए कन्या राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
तुला
नया काम, व्यवसाय आदि की बात बनेगी। घर-बाहर तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी न करें। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। किसी मामले में कटु अनुभव मिल सकते हैं। सरकारी, कानूनी विवाद सुलझेंगे। जोखिम, लोभ, लालच से बचें।
Tula Varshik Rashifal 2023: जानिए तुला राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
वृश्चिक
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आपसी मतभेद, मनमुटाव बढ़ेगा। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रहेगी। आर्थिक समस्या बनी रहेगी। व्यसनाधीनता से बचें। व्यापार, रोजगार मध्यम रहेगा। विवाद से क्लेश होगा। शारीरिक कष्ट संभव है।
Vrischik Varshik Rashifal 2023: जानिए वृश्चिक राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
धनु
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी। रचनात्मक काम करेंगे। कर्मचारियों पर निगाह रखें। परिवार की समस्या का उचित समाधान होगा। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है।
Dhanu Varshik Rashifal 2023: जानिए धनु राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मकर
भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है। चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी।
Makar Varshik Rashifal 2023: जानिए मकर राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
कुंभ
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। नए कार्यों, योजनाओं की चर्चा होगी। लाभदायी समाचार आएँगे। समाज में आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। साहस, पराक्रम बढ़ेगा। विश्वासप्रद माहौल रहेगा।
Kumbh Varshik Rashifal 2023: जानिए कुंभ राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
मीन
धैर्य रखें। अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है।
Meen Varshik Rashifal 2023: जानिए मीन राशि वालों का वर्ष 2023 कैसा रहेगा?
दिनाँक:-29/12/2022, गुरुवार
सप्तमी, शुक्ल पक्ष,
पौष
""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि---------- सप्तमी 19:16:36 तक
पक्ष------------------------- शुक्ल
नक्षत्र---- पूर्वा भाद्रपदा 11:42:48
योग---------- व्यतिपत 11:44:30
करण-------------- गर 07:54:46
करण----------- वणिज 19:16:36
करण------- विष्टि भद्र 30:49:24
वार----------------------- गुरूवार
माह--------------------------- पौष
चन्द्र राशि----------------------मीन
सूर्य राशि-----------------------धनु
रितु------------------------ शिशिर
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर------------------- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)--------------------- नल
विक्रम संवत---------------- 2079
गुजराती संवत-------------- 2079
शक संवत----------------- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय--------------- 07:10:06
सूर्यास्त--------------- 17:32:23
दिन काल------------- 10:22:17
रात्री काल------------- 13:38:02
चंद्रोदय--------------- 11:54:09
चंद्रास्त---------------- 24:05:47
लग्न---- धनु 13°7' , 253°7'
सूर्य नक्षत्र-------------------- मूल
चन्द्र नक्षत्र----------- पूर्वा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र
पद, चरण
दी---- पूर्वा भाद्रपदा 11:42:48
दू---- उत्तरा भाद्रपदा 17:33:53
थ---- उत्तरा भाद्रपदा 23:27:39
झ---- उत्तरा भाद्रपदा 29:24:06
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 12 : 29 मूल , 4 भी
चन्द्र =मीन 13°23, पू oभा o , 4 दी
बुध =धनु 00 ° 34' उ o षाo ' 2 भो
शुक्र=धनु 29°05, उ o षाo ' 1 भे
मंगल=वृषभ 15°30 ' रोहिणी' 2 वा
गुरु=मीन 06°30 ' उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 28°43 ' धनिष्ठा ' 2 गी
राहू=(व) मेष 16°20 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 16°20 विशाखा , 4 ता
शुभा शुभ मुहूर्त
राहू काल 13:39 - 14:57 अशुभ
यम घंटा 07:10 - 08:28 अशुभ
गुली काल 09:46 - 11:03 अशुभ
अभिजित 12:01 - 12:42 शुभ
दूर मुहूर्त 10:38 - 11:19 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:46 - 15:28 अशुभ
वर्ज्यम 21:06 - 22:40 अशुभ
पंचक अहोरात्र अशुभ
चोघडिया, दिन
शुभ 07:10 - 08:28 शुभ
रोग 08:28 - 09:46 अशुभ
उद्वेग 09:46 - 11:03 अशुभ
चर 11:03 - 12:21 शुभ
लाभ 12:21 - 13:39 शुभ
अमृत 13:39 - 14:57 शुभ
काल 14:57 - 16:15 अशुभ
शुभ 16:15 - 17:32 शुभ
चोघडिया, रात
अमृत 17:32 - 19:15 शुभ
चर 19:15 - 20:57 शुभ
रोग 20:57 - 22:39 अशुभ
काल 22:39 - 24:21* अशुभ
लाभ 24:21* - 26:04* शुभ
उद्वेग 26:04* - 27:46* अशुभ
शुभ 27:46* - 29:28* शुभ
अमृत 29:28* - 31:10* शुभ
होरा, दिन
बृहस्पति 07:10 - 08:02
मंगल 08:02 - 08:54
सूर्य 08:54 - 09:46
शुक्र 09:46 - 10:38
बुध 10:38 - 11:29
चन्द्र 11:29 - 12:21
शनि 12:21 - 13:13
बृहस्पति 13:13 - 14:05
मंगल 14:05 - 14:57
सूर्य 14:57 - 15:49
शुक्र 15:49 - 16:41
बुध 16:41 - 17:32
होरा, रात
चन्द्र 17:32 - 18:41
शनि 18:41 - 19:49
बृहस्पति 19:49 - 20:57
मंगल 20:57 - 22:05
सूर्य 22:05 - 23:13
शुक्र 23:13 - 24:21
बुध 24:21* - 25:30
चन्द्र 25:30* - 26:38
शनि 26:38* - 27:46
बृहस्पति 27:46* - 28:54
मंगल 28:54* - 30:02
सूर्य 30:02* - 31:10
उदयलग्न प्रवेशकाल
धनु > 05:10 से 07:16 तक
मकर > 07:16 से 09:00 तक
कुम्भ > 09:00 से 10:34 तक
मीन > 10: 34 से 12:02 तक
मेष > 12:02 से 13:42 तक
वृषभ > 13:42 से 18:00 तक
कर्क > 18:00 से 20:10 तक
सिंह > 20:10 से 22:26 तक
कन्या > 22:26 से 00:34 तक
तुला > 00:34 से 03:44 तक
वृश्चिक > 02:44 से 05:पी0 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय) संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट
नोट: दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान-------------दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
अग्नि वास ज्ञान
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
7 + 5 + 1 = 13 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
ग्रह मुख आहुति ज्ञान
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल
7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
भद्रा वास एवं फल
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
सांय 19:16 से रात्रि 3049 तक
मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी
विशेष जानकारी
श्री नंदबाबा जयंती
गुरु गोविन्द सिंह जयंती
शुभ विचार
दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः ।
सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे ।।
।। चा o नी o।।
एक दुर्जन और एक सर्प मे यह अंतर है की साप तभी डंख मरेगा जब उसकी जान को खतरा हो लेकिन दुर्जन पग पग पर हानि पहुचने की कोशिश करेगा .
सुभाषितानि
गीता -: विभूति योग अo-10
एतां विभूतिं योगं च मम यो वेत्ति तत्त्वतः ।,
सोऽविकम्पेन योगेन युज्यते नात्र संशयः ॥,
जो पुरुष मेरी इस परमैश्वर्यरूप विभूति को और योगशक्ति को तत्त्व से जानता है (जो कुछ दृश्यमात्र संसार है वह सब भगवान की माया है और एक वासुदेव भगवान ही सर्वत्र परिपूर्ण है, यह जानना ही तत्व से जानना है), वह निश्चल भक्तियोग से युक्त हो जाता है- इसमें कुछ भी संशय नहीं है॥,7॥
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